हिंसा के बाद नूंह में पढ़ी गई दूसरे जुमे की नमाज. नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में हिंसा के बाद आज दूसरे जुमे की नमाज पढ़ी गई. शहर में खराब हालात को देखते हुए पिछली बार की तरह इस बार भी जामा मस्जिद समेत सभी उलेमाओं और प्रशासन ने नमाजियों से अपील की थी कि वो अपने घर पर ही नमाज पढ़ें, और जामा मस्जिद में भीड़ ना लगाएं. उलेमा की अपील का असर इस बार भी दिखा और नूंह जामा मस्जिद में ज्यादा भीड़ इकट्ठा नहीं हुई.
नूंह में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान दो संप्रदायों के बीच टकराव पैदा हो गया था. ये टकराव बाद में साम्प्रदायिक हिंसा में तब्दील हो गया. उसके बाद प्रदेश के 9 जिलों में धारा 144 लगानी पड़ी. नूंह में अभी भी कर्फ्यू लगा है, हलांकि प्रशासन समय-समय पर कर्फ्यू में ढील दे रहा है. इसी तनाव को देखते हुए प्रशासन ने उलेमाओं के साथ मिलकर लोगों से जुमे की नमाज में भीड़ एकत्रित नहीं करने की अपील की थी.
जुमे की नमाज में केवल आस-पास के लोग ही शामिल हुए. ये भी पढ़ें-नूंह में हिंसा के बाद अधिकारियों पर एक्शन जारी, DPRO का भी हुआ ट्रांसफर, DC-SP-DSP का हो चुका है तबादला
फिलहाल नूंह जिले के किसी भी शहर व कस्बे ही नहीं बल्कि ग्रामीण आंचल से किसी भी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला है. आज दूसरे जुमे की नमाज पढ़ी गई. हलांकि इस बार जामा मस्जिद नूंह के बाहर फल इत्यादि की रेहड़ी और दुकानें पहले की तरह लगी हुई देखी गई. नमाज पढ़ने आये आस-पास के लोगों ने खरीददारी भी की.
जिला प्रशासन के साथ बड़े उलेमाओं ने बैठक की थी और भरोसा दिलाया था कि मस्जिदों में जुम्मे की नमाज में ज्यादा भीड़ नहीं जुटेगी. लोग अपने गांव में ही जुम्मे की नमाज या जोहर की नमाज पढ़ेंगे. जामा मस्जिद नूंह के इमाम मुफ्ती जाहिद हुसैन ने कहा कि जामा मस्जिद में 4000 से 5000 लोग जुम्मे की नमाज पढ़ने आते थे, लेकिन आज महज सैकड़ों में ही सिमट कर रह गए. कुल मिलाकर 11 दिने पहले हुई शोभा यात्रा में हिंसा के बाद हालात तेजी से सुधर रहे हैं. मुल्क में अमन और शांति की दुआ भी मांगी गई.
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