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कुरुक्षेत्र: नहीं मिला PMAY के तहत घर तो लोगों ने विधायक आवास पर किया प्रदर्शन

कुरुक्षेत्र में पीएम आवास योजना के तहत घर न मिलने पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोगों का कहना है कि जो निर्धारित राशि देने की बात कही गई तो उन्होंने वो भी जमा करा दी है, लेकिन सरकार की ओर से उनको आवास नहीं मिला है.

kurukshetra public protest
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Published : Feb 18, 2020, 6:41 AM IST

कुरुक्षेत्र:प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपने घर का सपना देखने वालों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. समाज के कमजोर तबके को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सस्ते दाम पर मकान दिए जाने की घोषणाएं और वायदे तो बहुत होते हैं, लेकिन कुरुक्षेत्र में सैकड़ों परिवार पिछले एक साल से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.

लोगों को नहीं मिला आवास

उन्होंने एक साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के एप्लीकेशन के साथ निर्धारित राशि भी जमा करवाई थी, लेकिन उसके बाद उनको आज तक मकान के दर्शन नहीं हुए. वे कभी नगरपालिका तो कभी हुडा ऑफिस और विधायक के घर पर गुहार लगाते घूम रहे हैं.

लोगों ने किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

जब मामला बर्दास्त से बाहर हो गया तो लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. लोगों ने कहा कि सरकार के उन वायदों और घोषणाओं पर विश्वास किया था. सरकार द्वारा बताई गई निर्धारित राशि भी जमा करवाई थी. हम लोगों को मकान आज तक नसीब नहीं हुआ. उल्टा हम लोगों से अब फिर 15% और राशि मांगी जा रही है.

ब्याज समेत पैसा वापस करे सरकार

लोगों का कहना है कि जो राशि उन्होंने जमा कराई थी वो ये राशि कहां से देंगे? जबकि इन्होंने आवेदन के साथ निर्धारित राशि ब्याज पर कहीं से ले कर दी थी. लोगों का कहना है या तो उनको मकान दिया जाए वरना सालभर पहले जमा करवाई गई निर्धारित राशि ब्याज सहित वापस लौटाई जाए. अपने मकान का सपना देखते-देखते थक चुके हैं. कुरुक्षेत्र थानेसर विधायक सुभाष सुधा के आवास पर गुहार लगाने के लिए भी कई चक्कर लगा चुके हैं.

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चुनाव से पहले किया वायदा भूली सरकार

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान न मिलने की गुहार लगाने के लिए जब लोग विधायक की कोठी पर पहुंचे तो विधायक बीमारी की वजह से शहर से बाहर होने के कारण नहीं मिल पाए. लोगों ने फिर से हताश होकर लौटना पड़ा. समाज के कमजोर तबके के लोगों की फरियाद है कि इनको विधानसभा चुनाव से पहले तुरंत चाबी दिए जाने की घोषणा भी कर दी थी, वायदा कर दिया था लेकिन चुनाव के बाद फिर वो वायदा और घोषणा सरकार भूल गई.

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