करनाल: ईटीवी भारत की टीम ने करनाल जिले में 2008 से बने राजीव गांधी स्टेडियम का जायजा लिया. स्टेडियम के हालात देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे. खिलाड़ी आज भी सुविधाओं से मोहताज दिख रहे हैं. वहीं स्टेडिमय का हाल भी बेहाल है.
करनाल के 7 राजीव गांधी स्टेडियम
जिले में करोड़ों रुपये की लागत से गांव गगसीना, कलरी जागीर, निगदु, गोगडीपुर, बसताड़ा, पुंडराक और जयसिंहपुरा में स्टेडियम बनाए गए. सभी 7 राजीव गांधी स्टेडियम लाइट, पानी, खेल का सामान और कोच ना होना जैसे अन्य सुविधाओं से वंचित है. शौचालयों के दरवाजे, दीवारों और खिड़कियों में लगे शीशे टूटे पड़े हैं. खिलाड़ी हैं पर खेल का सामान नहीं और ना ही कोच, जिसके कारण खिलाड़ियों को राजीव गांधी मैदान की सुविधाएं प्राप्त नहीं हो पा रही है.
सीएम सिटी करनाल में कैसे खेलेंगे खिलाड़ी? चौपट स्टेडियम, ना पीने का पानी, ना ही खेल किट और टूटे शीशे खुलेंगे ट्रेनिंग सेंटर
जब हरियाणा सरकार में खेल मंत्री संदीप सिंह से इसके बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि सभी खेल परिसरों की जांच करवाई जाएगी. जहां भी खामियां मिलेंगी उसे दूर किया जाएगा. जिले में खेल स्टेडियम नहीं बल्कि ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे, ताकि जिले में खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जा सके और अंतर्राष्ट्रीय पटल पर देश का नाम रोशन कर सकें.
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खेल मंत्री ने खेल नर्सरियों में हुए घोटाले पर कहा कि उन स्कूलों को मैं नहीं छोडूंगा, जिन्होंने गलत तरीके से खेल नर्सरियां लीं. फर्जी खेल नर्सरी मुझे बर्दाश्त नहीं है. ऐसे लोगों ने अलॉटमेंट के समय पर अच्छे खिलाड़ी बताकर नर्सरियां ली गई. अब उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. हरियाणा पहले भी खेलों में नंबर वन रहा है और आगे भी रहेगा.