करनाल: सूरजमुखी की खरीद को लेकर हरियाणा के कुरुक्षेत्र शाहबाद में पिछले 2 दिन से काफी बवाल मचा हुआ है. जिसमें किसानों की मांग है कि हरियाणा के किसानों की सूरजमुखी की खरीद एमएसपी मूल्य ₹6400 प्रति क्विंटल के हिसाब से की जाए. इसी को लेकर मंगलवार के दिन राष्ट्रीय राजमार्ग दिल्ली चंडीगढ़ को किसानों के द्वारा जाम भी कर दिया गया था जिसके बाद किसानों उठाने के लिए पुलिस को मंगलवार, 6 जून को शाम के समय लाठीचार्ज करनी पड़ी और करीब दो दर्जन भर किसानों को हिरासत में लिया गया. वहीं, करीब 700 किसानों के ऊपर पुलिस के द्वारा मुकदमा भी दर्ज किया गया है.
हरियाणा में सूरजमुखी के क्या हैं भाव?: मौजूदा समय में हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद 4000 से लेकर ₹4800 प्रति क्विंटल के हिसाब से की जा रही है. जिसको लेकर किसानों में काफी रोष है. किसानों का कहना है कि कितने का मूल्य में किसान का खर्चा भी पूरा नहीं होता ऐसे में किसानों की सूरजमुखी की फसल की खरीद एमएसपी मूल्य पर की जाए. इसी के चलते सरकार और किसानों के बीच काफी तनाव बना हुआ है.
किसानों को सरकार देगी भावांतर भरपाई योजना के तहत प्रति क्विंटल ₹1000: सूरजमुखी की खरीद के मुद्दे को काफी बढ़ता देख हरियाणा सरकार ने ऐलान किया है कि हरियाणा में किसानों की सूरजमुखी की खरीद ₹4800 प्रति क्विंटल के हिसाब से की जाएगी. वहीं, किसानों को बोनस के तौर पर ₹1000 भावांतर भरपाई योजना के तहत प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को दिए जाएंगे. हालांकि भावांतर भरपाई योजना में सूरजमुखी की फसल को शामिल नहीं किया गया है लेकिन उसके बाद भी हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए यह ऐलान किया है. ऐसे में किसानों की सूरजमुखी फसल की खरीद ₹5800 प्रति क्विंटल के हिसाब से की जाएगी.
हरियाणा में सूरजमुखी फसल का ₹6400 एमएसपी मूल्य: वहीं, अगर सरकार की बात करें सरकार ने सूरजमुखी की फसल को एमएसपी के मूल्य वाली फसल में शामिल किया हुआ है. जिसमें सरकार के द्वारा किसानों की सूरजमुखी फसल को एमएसपी मूल्य पर खरीदने की बात कही थी, लेकिन अब सरकार अनस की मूल्य पर सूरजमुखी की खरीद नहीं कर रही. जिसके चलते किसानों में काफी रोष है.
सूरजमुखी की खरीद के लिए हरियाणा में कहां-कहां बनाई गई है मंडी: सूरजमुखी की फसल उतरी हरियाणा के 4 जिलों में ही ज्यादातर लगाई जाती है, जिसमें अंबाला पंचकूला यमुनानगर और कुरुक्षेत्र शामिल हैं. चार जिलों में ज्यादातर सूरजमुखी की फसल लगाई जाती है. इन जिलों से जुड़े हुए दूसरे जिलों के कुछ ही जगहों पर सूरजमुखी की फसल किसानों के द्वारा लगाई जाती है. अंबाला जिले के अंबाला छावनी, अंबाला शहर, मुलाना, सहजदपुर, पंचकूला जिले के बरवाला और कुरुक्षेत्र जिले के इस्माइलाबाद, शाहबाद, लाडवा और थानेसर में खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं. अगर कोई किसान अपने सूरजमुखी की फसल बेचना चाहता है तो वह इन मंडियों में जाकर ही अपनी सूरजमुखी की फसल बेच सकता है.
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में उगाई जाती है सबसे ज्यादा सूरजमुखी की फसल: अगर हरियाणा राज्य की बात हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सबसे ज्यादा सूरजमुखी की फसल लगाई जाती है. वहीं, अगर 2022 की बात करें, 2022 में 16000 एकड़ में कुरुक्षेत्र जिले में सूरजमुखी की फसल किसानों के द्वारा लगाई गई थी. वहीं 2023 में सूरजमुखी का रकबा बढ़ा है अबकी बार जिले में लगभग 26,000 एकड़ रकबे में सूरजमुखी की खेती की गई है. आंकड़ों के देखने से लगता है कि कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी का रकबा बढ़ता जा रहा है और किसानों का इसके प्रति काफी रुझान भी है.
देश में तीसरे नंबर पर सूरजमुखी का प्रोडक्शन करता है हरियाणा: वहीं, अगर बात करें देश के करीब 10 राज्यों में सूरजमुखी की खेती बड़े स्तर पर की जाती है. वहीं, हरियाणा सूरजमुखी का प्रोडक्शन पूरे भारत में तीसरे नंबर पर है. हरियाणा में 7.90 फीसदी प्रोडक्शन सूरजमुखी का किया जाता है. वैसे में हरियाणा सरकार को कृषि में पूरे देश में आगे ले जाने के लिए सूरजमुखी की खेती करने वाले काफी मेहनत कर रहे हैं. जिसके चलते हरियाणा पूरे देश में सूरजमुखी की खेती करने में तीसरे नंबर पर आता है.