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'किसान बेमौसमी बारिश से त्रस्त हैं और सीएम खट्टर ऊंट की सवारी में व्यस्त हैं'

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसल के बाद किसानों को अगले 10 दिनों के मुआवजा दिया जाए. इस दौरान सुरजेवाला ने ये भी कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार किसान विरोधी है.

randeep surjewala kaithal
randeep surjewala kaithal

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Published : Mar 15, 2020, 4:34 PM IST

कैथल: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि एक तरफ किसान बेमौसमी बारिश की मार से ग्रस्त है, तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री खट्टर दर्शनीय व मेलों के अंदर ऊंट की सवारी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें धरतीपुत्र किसान के हितों से कोई सरोकार नहीं है.

सुरजेवाला ने कहा कि बेमौसमी बारिश का ये आलम है कि अकेले कैथल जिले के अंदर पिछले 30 दिनों के अंदर मौसम विभाग के अनुमान में अनुपात के अनुसार 700 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई है और बाकि हरियाणा में भी 650 से 700 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है. दक्षिण हरियाणा के कई जिलो के अंदर भी 700 से 800 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है.

'किसान बेमौसमी बारिश से त्रस्त हैं और सीएम खट्टर ऊंट की सवारी में व्यस्त हैं'

'सरकार किसानों को फूटी कौड़ी तक नहीं दे रही'

सुरजेवाला ने कहा,'अगर इतनी ज्यादा बारिश की मार से किसानों की फसलें तबाह हो जाएंगी तो किसान अपनी फसल की रखवाली के लिए क्या करें. एक तरफ ओलावृष्टि की मार और दुसरी तरफ सरकार किसानों को मुआवजे की एक फूटी कौड़ी नहीं दे रही है. भाजपा व जजपा सरकार चुप क्यो हैं? क्यों किसानों के हकों के साथ खिलवाड़ कर रही है'.

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'किसानों को दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं'

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'एक तरफ तो सरकार मुआवजे के लिए किसानों को अर्जी के माध्यम से दफ्तरों के चक्कर कटवा रही है तो दूसरी तरफ किसान फसल बीमा योजना की आड़ में किसान को मुआवजे की राशि बांटने में गुरेज किया जा रहा है. हम ये भी जानते हैं कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को मोदी सरकार ने उसी दिन ताला लगा दिया था जिस दिन उन्होंने केंद्र सरकार की बीमा राशि का 50 प्रतिशत आधा देने से इंकार कर दिया था. खुद मुख्यमंत्री खट्टर ने भी 25 प्रतिशत देने से इंकार कर दिया'.

सुरजेवाला ने कहा कि हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री खुद हर जिले में जाकर स्थिति का जायजा लें. किसानों को अगले 10 दिनों के अंदर प्रति एकड़ 30 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक का मुआवजा दे और इसके साथ ही पट्टेदार, काश्तकारों और खेत में किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाले मजदूर को भी मुआवजा दिया जाए.

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