गुर्जर समाज ने बदला अपना बयान कैथल:हरियाणा के कैथल में राजा मिहिर भोज की मूर्ति पर गुर्जर शब्द लिखे जाने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसके चलते कैथल और करनाल में राजपूत समाज के लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और गुर्जर शब्द हटाए जाने की मांग की. इस दौरान राजपूत समाज के बीजेपी नेताओं द्वारा पार्टी से इस्तीफा देने का सिलसिला जारी है. इस मामले को सुलझाने के लिए सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दोनों समुदायों को अपने निवास स्थान पर बुलाया और विवाद को खत्म करने का प्रयास किया था.
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मुख्यमंत्री से मीटिंग के बाद राजपूत व गुर्जर समाज ने सीएम हाउस पर मीटिंग कर सामूहिक बयान जारी करते हुए विवाद को 2 दिन में निपटाने की बात कही थी. इसी बीच गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता राव सुरेंद्र ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि उनकी राजपूत समाज के साथ बैठक में सहमति बन गई है. जिसमें मिहिर भोज की मूर्ति के आगे से गुर्जर शब्द को हटा दिया जाएगा.
लेकिन बाद में गुर्जर समाज के लोगों ने भी सीएम से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों पर सीएम के दबाव में आकर फैसला लेने के आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं. जिसके बाद गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे राव सुरेंद्र ने वीडियो संदेश जारी कर गुर्जर समाज के लोगों से माफी मांगी है. वीडियो में राव सुरेंद्र ने मूर्ति के आगे से गुर्जर शब्द हटाने वाले फैसले को अपनी गलती माना है. साथ ही बीजेपी से अपनी नाराजगी भी जाहिर की है.
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उधर इसी विवाद को लेकर राजपूत समाज के लोगों ने दोबारा धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. मंगलवार को कैथल के ब्लॉक राजोद में जिले भर से आए राजपूत समाज के लोगों ने रोष मार्च निकाला. इस दौरान महाराणा प्रताप चौक में सरकार सहित बीजेपी नेताओं का पुतला भी फूंका गया. मीडिया से बात करते हुए राजपूत समाज के नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ जिन लोगों ने बातचीत की है, वह आंदोलनकारी राजपूत नहीं थे. वे लोग बीजेपी के चहेते लोग थे. जो बातचीत करके वापस आ गए. अब यह आंदोलन रुकने वाला नहीं है.
राजपूत समाज ने कहा कि अब यह मामला केवल कैथल का नहीं है, पूरे हरियाणा में जहां भी सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा लगी हुई है. वहां से गुर्जर शब्द हटना चाहिए. अभी यह शुरुआत हरियाणा से हुई है और फिर पूरे देश में होगी. क्योंकि अब राजपूत समाज जाग चुका है. पहले राजपूत समाज की 99% वोट भारतीय जनता पार्टी को जाता था लेकिन अब पार्टी ने राजपूत समाज की अनदेखी की है, अब आने वाले चुनाव में इसका जवाब दिया जाएगा.
राजपूत समाज का कहना है कि अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आने वाले समय में पूरे देश के राजपूतों को इकट्ठा करके बड़ा आंदोलन किया जाएगा. इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा. हरियाणा के किसी भी गांव के अंदर बीजेपी के नेताओं को घुसने नहीं देंगे.
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