हिसार: कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मंजिल आसान होती है. हिसार के गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के बीटेक के छात्र आशीष ने एक नायाब खोज कर सभी को हैरत में डाल दिया है. आशीष ने 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद एक हाइब्रिड ट्राईसाइकिल (hybrid tricycle) का निर्माण किया है. यह ट्राईसाइकिल कोई ऐसी वैसी नहीं बल्कि बैटरी और पैडल दोनों से चलती है. फिलहाल इस पर टेस्टिंग चल रही है और हल्के बदलाव करके अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके बाद यह ट्राईसाइकिल कागजी प्रोसेस व निर्माण कंपनी के जरिए सबके लिए उपलब्ध होगी. इसकी कीमत मार्केट में चल रहे इलेक्ट्रॉनिक बाइक से बेहद कम होगी.
दरअसल आशीष हिसार जिले के आदमपुर के पास ढाणी मोहब्बतपुर गांव के रहने वाले हैं. आशीष के पिता अपाहिज थे और वह चल फिर नहीं सकते थे. उनकी हालत देखकर आशीष ने इस ट्राईसाइकिल का निर्माण शुरू किया था ताकि वह उनकी बाहर आने जाने में मदद कर सकें, लेकिन इसके कुछ समय बाद आशीष के पिता स्वर्गवासी हो गये. आशीष को इस बात का मलाल रहा कि वह अपने पिता को यह भेंट नहीं कर सका, लेकिन उसने ठाना की उनके पिता की तरह किसी और दिव्यांग को ऐसी दिक्कत ना हो. इसलिए इसका निर्माण पूरा किया और अब यह ट्राईसाइकिल सड़क पर चलाने के लिए तैयार है.
दिव्यांग के साथ-साथ सब लोग कर सकते हैं इसका प्रयोग
यह ट्राईसाइकिल विशेष रूप से दिव्यांगों के लिए नहीं बनी इसका प्रयोग कोई भी कर सकता है. इस ट्राईसाइकिल को बेहद कम दाम में और आरामदायक सफर हो इस उद्देश्य से बनाया गया है. इस ट्राईसाइकिल में एक कंफर्ट सीट लगाई गई है जिस पर लेट कर आरामदायक तरीके से इसे हाईवे पर दौड़ाया जा सकता है. इसमें इलेक्ट्रिक बाइक की तरह सभी फीचर दिए गए हैं, हॉर्न से लेकर साइड इंडिकेटर, हेड लाइट, बैक लाइट, ब्रेक लाइट समेत तमाम एसेसरीज लगाई गई हैं. इतना ही नहीं यह ट्राईसाइकिल चोरी भी नहीं की जा सकती क्योंकि इसमें एंटी थेफ्ट अलार्म सिस्टम लगाया गया है. इस ट्राईसाइकिल में अन्य बाइक की तरह ही चाबी से लॉक होने वाला सिस्टम भी लगाया गया है.
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