फरीदाबाद:जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के प्रमुख प्रावधानों को शामिल करते हुए शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए दाखिला कार्यक्रम की घोषणा की है. विश्वविद्यालय ने एडमिशन पोर्टल के माध्यम से विभिन्न सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं. ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 20 जून 2023 है.
न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी 2020) के प्रावधानों के अनुरूप महत्वपूर्ण पहल करते हुए विश्वविद्यालय ने तीन और चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम शुरू किए हैं, जिससे विद्यार्थियों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट विकल्पों की सुविधा मिलेगी. साथ ही उन्हें ऑनर्स तथा ऑनर्स विद रिसर्च में चार वर्षीय स्नातक डिग्री का अवसर मिलेगा. विद्यार्थियों के लिए तीन वर्षीय स्नातक डिग्री का विकल्प भी खुला रहेगा. इसके अलावा, विद्यार्थियों को अपनी मुख्य डिग्री के साथ-साथ विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित किसी भी माइनर डिग्री पाठ्यक्रम को चुनने का विकल्प भी मिलेगा.
एनईपी-2020 के प्रावधानों को सत्र 2023-24 से विश्वविद्यालय के साथ-साथ सभी संबद्ध कॉलेजों में लागू किया जा रहा है. इसके अलावा, विश्वविद्यालय आगामी सत्र से बीएससी (विजुअल कम्युनिकेशन एंड मल्टीमीडिया टेक्नोलॉजी) के रूप में नया पाठ्यक्रम भी शुरू करने जा रहा है. छात्र-केंद्रित नई पहल को महत्वपूर्ण बताते हुए कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि नई व्यवस्था विद्यार्थियों को अधिक लचीलापन और विविध विकल्प प्रदान करेगी. ऑनर्स, ऑनर्स विद रिसर्च, और माइनर-डिग्री प्रोग्राम को शामिल करने के विकल्प प्रदान करके, विश्वविद्यालय शिक्षा को और अधिक व्यवहारिक तथा विद्यार्थियों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है.
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निदेशक (एडमिशन) प्रोफेसर आशुतोष निगम ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 में विश्वविद्यालय सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों सहित 60 से अधिक पाठ्यक्रमों में दाखिले की पेशकश कर रहा है. एनईपी-2020 पहल के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि तीन एवं चार साल के स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मल्टीपल एंट्री व एग्जिट विकल्प मिलेंगे. प्रथम वर्ष के पूरा होने पर एग्जिट विकल्प चुनने वाले विद्यार्थियों को यूजी सर्टिफिकेट दिया जायेगा.
इसी तरह दूसरे वर्ष के बाद एग्जिट विकल्प चुनने वालों को यूजी डिप्लोमा प्राप्त होगा. ऐसे विद्यार्थियों को पहले और दूसरे वर्ष के ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान चार-चार क्रेडिट का एक व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी पूरा करना होगा. इसके बाद न्यूनतम क्रेडिट आवश्यकताओं को सफलतापूर्वक पूरा करते हुए 3-वर्षीय यूजी पाठ्यक्रम करने वाले विद्यार्थियों को यूजी डिग्री प्रदान की जायेगी. एग्जिट विकल्प चुनने वाले विद्यार्थियों को तीन साल के भीतर डिग्री प्रोग्राम में फिर से प्रवेश करने और सात साल की कुल अधिकतम अवधि के भीतर डिग्री पूरी करने का विकल्प होगा.
प्रो. निगम ने बताया कि चार वर्षीय यूजी ऑनर्स की डिग्री उन विद्यार्थियों को प्रदान की जाएगी जो न्यूनतम क्रेडिट आवश्यकताओं को पूरा करते हुए 4 साल के डिग्री पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करेंगे. पहले छह सेमेस्टर में 75 प्रतिशत और उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को चौथे वर्ष के दौरान स्नातक स्तर पर शोध करने (ऑनर्स विद रिसर्च) का अवसर मिलेगा जो कि एक संकाय सदस्य के मार्गदर्शन में न्यूनतम क्रेडिट आवश्यकताओं को पूरा करते हुए अपने प्रमुख विषय में किसी शोध परियोजना या शोध प्रबंध पर काम करेंगे.
बीटेक दाखिलों को लेकर प्रो. निगम ने बताया कि सभी बीटेक पाठ्यक्रमों में दाखिला हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा सोसायटी (एचएसटीईएस) द्वारा आयोजित ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से किया जाएगा तथा इसका कार्यक्रम एचएसटीईएस की वेबसाइट www.hstes.org.in पर उपलब्ध रहेगा. हालांकि विज्ञान, प्रबंधन एवं कला से संबंधित स्नातक पाठ्यक्रमों और सभी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिला विश्वविद्यालय स्तर पर होगा. विश्वविद्यालय ने दाखिला संबंधी पूछताछ के लिए दाखिला हेल्पलाइन नंबर 7428954273 और ई-मेल admissionhelp@jcboseust.ac.in भी शुरू किया है. सभी महत्वपूर्ण जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.jcboseust.ac.in पर देखी जा सकती है.
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