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आज होगा अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का आगाज, जानें इस बार क्या होगा खास

35वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला 2022 (International Surajkund Fair) इस बार 19 मार्च से शुरू होने जा रहा है. सूरजकुंड मेले का उद्घाटन हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा किया जाएगा.

International Surajkund Fair
International Surajkund Fair

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Published : Mar 18, 2022, 5:24 PM IST

Updated : Mar 19, 2022, 6:59 AM IST

फरीदाबाद: 35वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला 2022 इस बार 19 मार्च से शुरू होने जा रहा है. पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के सचिव अरविंद सिंह ने कहा कि 35वां सूरजकुंड मेला (International Surajkund Fair) लंबे अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है. कोविड 19 महामारी की वजह से साल 2021 में इस मेले को स्थगित कर दिया गया था. इस वर्ष सूरजकुंड मेला नए सिरे से एक बड़े आयोजन के वादे के साथ आया है.

इस साल सूरजकुंड मेले उद्घाटन हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा किया जाएगा. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा उद्घाटन समारोह में ऑनलाइन जुड़ेंगे. 19 मार्च को शाम 5.30 बजे उद्घाटन समारोह आयोजित किया जाएगा. सूरजकुंड मेला 1987 में पहली बार भारत की हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था.

मेले की तैयारियों का अधिकारियों ने लिया जायजा

केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित, ये त्योहार अपने शिल्प, संस्कृति और भारत के व्यंजनों के प्रदर्शन के लिए अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन कैलेंडर पर गर्व और प्रमुखता के स्थान पर आ गया है. ये शिल्प मेला (Surajkund Mela in Faridabad) भारत के हजारों शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पादों को व्यापक दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने में मदद करता है.

इस प्रकार, मेले ने भारत के विरासत शिल्प को पुनर्जीवित करने में भी मदद की है. समय के साथ तालमेल बिठाते हुए, पेटीएम इनसाइडर जैसे पोर्टलों के माध्यम से ऑनलाइन टिकट उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे आगंतुकों को लंबी कतारों की परेशानी के बिना मेला परिसर में आसानी से प्रवेश करने में मदद मिलती है. मेला स्थल तक आसपास के क्षेत्रों से आने वाले दर्शकों को लाने के लिए विभिन्न स्थानों से विशेष बसें चलेंगी.

सूरजकुंड मेले को लेकर पर्यटन विभाग ने की बैठक

सूरजकुंड शिल्प मेला के इतिहास में एक बेंचमार्क स्थापित किया गया था, क्योंकि इसे 2013 में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया था. 2020 में, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के 30 से अधिक देशों ने मेले में भाग लिया. इस वर्ष 30 से अधिक देश मेले का हिस्सा होंगे, जिसमें भागीदार राष्ट्र- उज्बेकिस्तान भी शामिल है. लैटिन अमेरिकी देशों, अफगानिस्तान, इथियोपिया, इस्वातिनी, मोजाम्बिक, तंजानिया, जिम्बाब्वे, युगांडा, नामीबिया, सूडान, नाइजीरिया, इक्वेटोरियल गिनी, सेनेगल, अंगोला, घाना, थाईलैंड, नेपाल, श्रीलंका, ईरान, मालदीव और अन्य देशों से उत्साही भागीदारी होगी.

जम्मू और कश्मीर 35वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 2022 (Surajkund Handicraft Fair) का 'थीम स्टेट' है, जो राज्य से विभिन्न कला रूपों और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित कर रहा है. जम्मू-कश्मीर के सैकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे. पारंपरिक नृत्य कला रूपों से लेकर उत्कृष्ट शिल्प तक, जम्मू और कश्मीर राज्य से विरासत और संस्कृति का एक गुलदस्ता दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगा.

मेले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

वैष्णो देवी मंदिर, अमर नाथ मंदिर, कश्मीर से वास्तुकला का प्रतिनिधित्व करने वाला अपना घर, हाउस बोट का लाइव प्रदर्शन और स्मारक द्वार 'मुबारक मंडी-जम्मू' की प्रतिकृतियां इस साल के मेले के मुख्य आकर्षण होंगे. मेले में पंजाब के भांगड़ा, असम के बिहू, बरसाना की होली, हरियाणा के लोक नृत्य, हिमाचल प्रदेश के जमाकड़ा, महाराष्ट्र की लावणी, हाथ की चक्की का लाइव प्रदर्शन और हमेशा से मशहूर रहे बेहरुपिया जैसे विभिन्न प्रकार के कलाकार दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे. मेला पखवाड़े के दौरान शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रम में दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया जाएगा.

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रहमत-ए-नुसरत, रिंकू कालिया की गज़लों की गूंज, मंत्रमुग्ध कर देने वाली नृत्य प्रस्तुतियों, भावपूर्ण सूफी प्रदर्शनों, माटी बानी द्वारा भारत के लय के अलावा जम्मू-कश्मीर, उज्बेकिस्तान और अन्य अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के फुट टैपिंग डांस और सॉन्ग शो जैसे बैंड के शानदार प्रदर्शन का आनंद उठा पाएंगे. प्रमुख पर्यटन सचिव एमडी सिन्हा ने कहा कि ये मेला ग्राउंड 43.5 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और शिल्पकारों के लिए 1183 वर्क हट्स और एक बहु-व्यंजन फूड कोर्ट है, जो आगंतुकों के बीच बेहद लोकप्रिय है. मेले का माहौल महुआ, नरगिस, पांचजन्य जैसे रूपांकनों और सजावट के साथ जातीय वाइब्स को ले जाएगा और इसके साथ ही स्वतंत्रता के 75 साल के थीम के साथ स्वतंत्रता पदक, तिरंगे बंटिंग और स्मारक टिकटों के रूपांकनों और प्रतिकृतियों के साथ होगा.

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Last Updated : Mar 19, 2022, 6:59 AM IST

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