चऱखी दादरी: दि रेवेन्यू पटवारी एवं कानूनगो एसोसिएशन के बैनर तले चरखी दादरी में भी कानूनगो और पटवारी आज से फिर हड़ताल पर चले गये हैं. तीन जनवरी से पांच जनवरी तक इन लोगों ने सांकेतिक तौर पर धरना प्रदर्शन दिया था और कामकाज बाधित कर दिया था. इनके हड़ताल के कारण राजस्व से संबंधित सारे काम रुके पड़े हैं.
हड़ताल जारी: पूरे राज्य में कानूनगो और पटवारियों की हड़ताल जारी है. दि रेवेन्यू पटवारी एवं कानूनगो एसोसिएशन के आह्रान पर तीन से पांच जनवरी तक हरियाणा के सभी जिले में कानूनगो और पटवारी हड़ताल पर थे. उनको भरोसा था कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी. लेकिन उनकी मांगों पर सरकार की ओर से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है. नतीजतन एसोसिएशन ने आठ जनवरी से दस जनवरी तक फिर हड़ताल का आह्वान कर दिया है.
राजस्व का काम बाधित: पटवारी और कानूनगो के पास 75 से ज्यादा सेवाएं होती हैं जिस पर उनके हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं. हड़ताल के कारण भूमि रिकार्ड, रजिस्ट्री, फसलों की वैरिफिकेशन, जमीन पैमाइश, डोमिसाइल प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आवास प्रमाण पत्र जैसे काम बाधित हो गये हैं.
क्या है मांग: पूरे हरियाणा में दी रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के आह्वान पर राज्य के कानूनगो और पटवारी हड़ताल पर चले गये हैं. उनकी मांग है कि पटवारी और कानूनगो के बढ़ाये गये वेतनमान को एक जनवरी 2016 से लागू किया जाए. सरकार ने उनका वेतनमान जनवरी 2024 से लागू किया है. चरखी दादरी में एसोसिएशन के सदस्य पवन फोगाट ने बताया कि हमें एरियर नहीं चाहिए, लेकिन सरकार हमारा वेतनमान 2016 से लागू करे ताकि हमारे नये और पुराने सभी सहयोगी को फायदा मिल सके. उन्होंने बताया कि हमारी मांग है कि पटवारियों के रिक्त पड़े पदों को स्थाई भर्ती से भरा जाए, पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए, जब तक नई भर्तियां नहीं होती तब तक जिस पटवारी को अतिरिक्त चार्ज दिया गया है उसे अन्य राज्यों की तर्ज पर वेतन और भत्ते दिए जाएं. उन्होंने कहा कि सरकार अगर उनकी मांगें नहीं मानती है तो हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी जायेगी.
हड़ताल से आम लोग परेशान: अपना काम करवाने आए ग्रामीण संजय कुमार और अशोक ने बताया कि कानूनगों और पटवारियों की हड़ताल का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है. कड़कड़ाती ठंड में वे अपने दस्तावेजों पर पटवारियों के हस्ताक्षर करवाने के लिए भटक रहे हैं. ऐसे में सरकार को या तो दूसरे कर्मचारियों की ड्यूटियां लगानी चाहिए या फिर पटवारियों के हस्ताक्षरों को बंद कर नई प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.
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