चंड़ीगढ़ः कोरोना के इस दौर में समाज का हर वर्ग चिंता में है. खासकर युवा वर्ग, यानि आने वाले कल का भविष्य. युवाओं को अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने करियर की भी चिंता है, यही कारण है कि आज का नौजवान मानसिक तनाव का शिकार हो रहा है. ईटीवी भारत कोरोना के इस दौर में हर वर्ग की बात कर रहा है, इसी कड़ी में हमने चंडीगढ़ में कुछ युवाओं से जानना चाहा कि आखिर इस दौर में वह क्या सोच रहे हैं.
'विदेश जाकर करनी थी पढ़ाई'
हमें कई ऐसे युवा मिले जो विदेश में पढ़ाई का सपना देख रहे थे. जिसके लिए वह तैयारी भी कर चुके थे, लेकिन कोरोना की वजह से वह विदेश नहीं जा पाए. छात्रों को कहना था कि हमने विदेश जाने की तैयारी लगभग पूरी कर ली थी, लेकिन कोरोना ने पूरी तैयारी पर पानी फेर दिया है. फिलहाल विदेश जाने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
परीक्षाओं की तैयारी पर फिरा पानी
कुछ ऐसे भी छात्र मिले जो अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे. अपनी परीक्षाओं को लेकर ये छात्र काफी तनाव में दिखे. इनका कहना था कि हर साल परीक्षाओं की तारीख लगभग सामान्य ही रहती है. उसी हिसाब से हम इस साल भी अपनी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, लेकिन कोरोना की वजह से परीक्षाएं टाल दी गई हैं. अब उन्हें नहीं पता की परीक्षाएं कब होंगी. इस वजह से उनकी सारी तैयारी बर्बाद होती दिख रही है. यूपीएससी की तैयारी कर रहे गुरअमृत सिंह और जेईई की तैयारी कर रहे अभय ने कहा कि अपनी मेहनत को बेकार जाते देख उन्हें काफी बुरा महसूस हो रहा है.
नौकरी की तलाश
बहुत से ऐसे भी छात्र हैं जो इस साल पास आउट हुए हैं और नौकरी की तलाश में थे, लेकिन कोरोना की वजह से नौकरियों का तो मानों सूखा पड़ गया हो. चंडीगढ़ के साहिल सिंगला और अर्श आहूजा ने कहा कि वह अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं, क्योंकि उन्होंने सोचा था कि कॉलेज से पास आउट होने के बाद वो कहीं ना कहीं नौकरी ज्वाइन कर लेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
फिलहाल कंपनियां नौकरियां नहीं दे रही है, बल्कि जो लोग पहले से नौकरी कर रहे हैं उनकी नौकरियां बी जा रही है. ऐसे में नए लोगों को नौकरी मिलना मुश्किल हो गया है.