चंडीगढ़:ई टेंडरिंग, राइट टू रिकॉल का विरोध कर रहे सरपंचों ने पंचकूला में स्थाई धरना शुरू कर दिया है. सरपंच पंचकूला में चंडीगढ़ की सीमा पर धरने पर बैठ गए हैं. इस मुद्दे को सुलझाए बिना हरियाणा के सरपंच यहां से हटने को तैयार नहीं है. वे मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने साफ कर दिया है कि वे इस बार अपनी मांगों पर सहमति बनने तक यहां से नहीं हटेंगे. हरियाणा के सरपंचों ने पंचकूला-चंडीगढ़ बॉर्डर पर स्थित हाउसिंग बोर्ड चौक पर डेरा जमा दिया है.
वहीं गुरुवार को सरपंच एसोसिएशन हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल की सेक्टर 6 में डीआईजी ओम प्रकाश नरवाल के बैठक हुई. बैठक में तय हुआ कि 9 मार्च को सरपंचों की मुलाकात मुख्यमंत्री मनोहर लाल से होगी. सरपंच एसोसिएशन हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष रणवीर सिंह ने कहा कि बैठक में हमें 9 मार्च का समय मिला है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, वो यहां से धरना नहीं उठाएंगे. उन्होंने कहा कि 9 मार्च तक वो यहीं पंचकूला चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड चौक पर बैठे रहेंगे.
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निर्दलीय विधायक ने किया समर्थन:सरपंचों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, तो किसान आंदोलन की तरह इस आंदोलन को भी अंत तक लेकर जाया जाएगा. सरकार के खिलाफ बैठे सरपंचों को विपक्षी नेताओं का भी साथ मिलने लगा है. चंडीगढ़ पंचकूला सीमा पर गुरुवार दिनभर सरपंचों से मिलने वाले नेताओं की चहल पहल बनी रही. सबसे पहले पहुंचने वाले नेताओं में निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू थे. वे यहां सरपंचों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए पहुंचे थे. बलराज कुंडू ने कहा कि मेरा सरपंचों को पहले दिन से समर्थन है.
सरपंचों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा:बलराज कुंडू ने कहा कि पंचकूला का हाउसिंग बोर्ड चौक लाल चौक बन गया है. इसी चौक पर कर्मचारियों, किसानों और स्टूडेंट पर लाठीचार्ज किया गया. बीजेपी लोकतंत्र के अंदर हरियाणा की जनता को लाठियों से जवाब देने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि यह लाठियां सरपंचों पर नहीं, पूरे प्रदेश के लोगों पर बरसाई गई हैं. इसका जवाब आने वाले समय में हरियाणा की जनता वोट की चोट से देगी.