चंडीगढ़: चार दिनों से चल रहे सीआईआई एग्रो टेक 2022 (cii agro tech 2022) में आधुनिक उपकरणों के साथ, नई तरह की फसल की प्रदर्शनी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव का संकेत दिया है. हजारों किसान द्वारा पहुंचकर इस बदलाव को समझने का प्रयास किया गया. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया से आए कंपनियों द्वारा विदेशों में इस्तेमाल होने वाली किसान नीतियों को उजागर किया गया. सीआईआई एग्रो टेक 2022 में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र ऑस्ट्रेलिया से आई कंपनियां रहीं.
जिनमें से एक थी औसान लेबोटरीज. जिनके द्वारा एक सैनिटाइजर पेश किया गया. इसके इस्तेमाल से फूड और फ्रूट की शेल्फ लाइफ को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकेगा. जो फल और सब्जियां जल्दी खराब हो जाते हैं या सूख जाते हैं, इसके जरिए उन्हें लंबे समय तक ताजा रखने में मदद मिलेगी. औसान लेबोरेटरी द्वारा फलों और सब्जियों के अलावा पशुओं के बीमारियों से संबंधित एक ऐसा सैनिटाइजर तैयार किया है, जिससे उन्हें एक हफ्ते में ठीक किया जा सकता है.
इस सैनिटाइजर को भारत सरकार द्वारा मान्यता भी दी गई है. वहीं सीआईआई एग्रो टेक में आए सैकड़ों किसानों द्वारा औसान लेबोरेटरी के सभी सैनिटाइजर में रूचि दिखाई. वहीं गई किसानों द्वारा मौके पर ही खरीदारी भी की गई. इस समय औसान लेबोरेटरी की शाखा महाराष्ट्र के पुणे में खोली गई है. जहां तीन सालों से कृषि और किसानों से जुड़ी समस्याओं को हल किया जा रहा है. वहीं इसकी मुख्य लेबोरेटरी ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में है.
औसन लेबोरेटरी ने एल44 एफ नाम का सैनिटाइजर तैयार किया है. इससे टमाटर, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, बैंगन, फलों में अंगूर, अमरूद, संतरा, केला आदि स्ट्रॉबेरी और कोई भी सब्जी या फल जिसमें बीजाणु नहीं होते हैं. उन्हें लंबे वक्त तक स्टोर करके रखा जा सकता है. एल44एफ सैनिटाइजर को साफ पानी डाला जाता है. जिसमें सब्जियों और फलों को एक मिनट के बाद पानी से बाहर निकल कर कहीं भी सामान्य तापमान पर रखा जा सकता है.
उन्हें 10 से 25 दिनों के बीच बिना कोल्ड स्टोरेज के रखा जा सकता है. ये ना सिर्फ फल और सब्जियों को लंबे समय तक ताजा रखने में मदद करेगी, बल्कि उनमें मौजूद हानिकारक जीव जंतुओं से भी सुरक्षित रखेगी. वहीं एल44वी सैनिटाइजर पशुओं की बीमारियों से जुड़ा है. इस बीते साल में ही खोज में लाया गया है. एल44वी सेनेटाइजर से लंपी वायरस जैसी बीमारी से ग्रसित पशुओं के घाव को ठीक किया जा सकता है.
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लम्पी बीमारी को ठीक करने के लिए एक पशु को नहलाने के लिए के लिए प्रतिदिन लगभग 70 रुपए खर्च होंगे. 7 दिनों के उपचार के लिए अधिकतम 490 के आस पास ही खर्च होगें. इसके साथ ही दुधारू पशुओं जिन्हें दूध कम आता है या उन्हें दूध देने वाली जगह पर समस्या रहती है. सैनिटाइजर एक हफ्ते के भीतर सभी समस्या को हल कर देते हैं. इस सैनिटाइजर को भारत सरकार यानी आईसीएआर द्वारा भी मान्यता प्राप्त है.