चंडीगढ़: 7 जनवरी को होने वाली हरियाणा रोडवेज की हड़ताल रद्द हो गई है. चंडीगढ़ में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ रोडवेज कर्मचारियों ने बैठक की. बैठक में दोनों पक्षों के बीच सहमति हुई. जिसके बाद रोडवेज कर्मचारियों ने हड़लात को रद्द करने का फैसला किया.
8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल में रोडवेज की अधिकतर यूनियन हिस्सा लेंगी
हालांकि 8 जनवरी को होने वाली देशव्यापी हड़ताल में रोडवेज की अधिकतर यूनियन हिस्सा लेंगी. फिलहाल 7 जनवरी को होने वाली हड़ताल रद्द हो गई है. हड़ताल से ठीक 1 दिन पहले सरकार ने हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की 9 यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी मांगों को सुना.
7 जनवरी को होने वाली रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल रद्द चंडीगढ़ में परिवहन मंत्री और रोडवेज के आला अधिकारियों की हुई बैठक
चंडीगढ़ के पंचायत भवन में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, रोडवेज के आला अधिकारी और रोडवेज कर्मचारियों के बीच कई घंटे लंबी बैठक चली. आखिर में फैसला हुआ कि फिलहाल कोई हड़ताल नहीं होगी. सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों को उनकी मांगें पूरा करने के लिए 3 महीने का समय दिया गया है.
ज्यादातर मांगों को लेकर दोनों पक्षों में बनी सहमति
रोडवेज यूनियन के कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार ने तमाम मांगों को पूरा करने पर अपनी ओर से सहमति जताई है. किलोमीटर स्कीम को लेकर दलबीर किरमारा ने कहा कि करीब 190 बसों का सरकार और ट्रांसपोर्टरों में एग्रीमेंट हुआ है और उन बसों को लेकर रोडवेज यूनियन अब कोई विरोध नहीं करेंगी, लेकिन नए एग्रीमेंट हुए तो पुरजोर विरोध किया जाएगा.
सरकार ने मांगे पूरी करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया
दलबीर किरमारा ने बताया कि सरकार ने 3 महीने यानी 31 मार्च तक तमाम मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है. पिछली हड़ताल पर जिक्र करते हुए किरमारा ने कहा कि रोडवेज जिन्होंने सिर्फ अपने हित के लिए हड़ताल नहीं करती बल्कि आम जनता के लिए हड़ताल करती है. रोडवेज कर्मचारियों को एस्मा जैसे कानून का सामना करना पड़ता है जेल जाना पड़ता है नौकरी से हाथ धोना पड़ता है और वो सिर्फ खुद के लिए नहीं बल्कि आम जनता के हित के लिए किया जाता है.
कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने पर भी बनी सहमति
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि रोडवेज यूनियन के साथ बातचीत सफल रही है और कई मुद्दों को लेकर दोनों में सहमति बन गई है. मूलचंद शर्मा ने बताया कि साल 1992 से लेकर साल 2002 तक भर्ती किए गए कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की रोडवेज कर्मचारियों की मांग को एक बार फिर पूरा करने की कोशिश की जाएगी. इस मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने एक कमेटी बनाई है. जो 31 मार्च तक कोई ना कोई हल निकालेगी.
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वर्कशॉप में काम करने वाले रोडवेज कर्मचारियों की छुट्टियों को लेकर भी एक कमेटी का गठन किया गया है और ये कमेटी 15 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. ओवरटाइम के मुद्दे पर परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि रूट की जरूरत के हिसाब से ओवरटाइम भी दिया जाएगा और फिलहाल ओवरटाइम बंद है लेकिन पुराने आदेश को भी रिव्यू करने का काम किया जा सकता है.