चंडीगढ़: एक बार फिर से हरियाणा के लोगों को सरकारी अस्पतालों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के बैनर तले डॉक्टरों ने अपनी लंबित मांगों को पूरा करने के समर्थन में आज ओपीडी सेवा बंद कर दिया है. अपनी मांगों के समर्थन में डॉक्टर पहले भी दो घंटे के लिए ओपीडी सेवा बंद कर चुके हैं और काला बिल्ला लगा कर अपना विरोध जता चुके हैं.
मरीजों हो रहे परेशान: सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है. क्योंकि अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप है. डॉक्टरों ने अपनी मांगों के समर्थन में ओपीडी सेव बंद करने का निर्णय लिया है. अभी अस्पतालों में मौसम में बदलाव के कारण वायरल बुखार के मरीज बड़ी संख्या में इलाज के लिए आ रहे हैं. कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर भी खतरा बढ़ा हुआ है. ऐसे में ओपीडी सेवा ठप रहने पर मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है.
डॉक्टरों की क्या है मांग?: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के राज्य प्रधान डॉक्टर राजेश ख्यालिया ने बताया कि डॉक्टरों की सभी मुख्य चार मांगें दो साल पुरानी है. दो साल से कोई नई मांग शामिल नहीं की गई है. इनकी मांग है कि डॉक्टरों के लिए एक विशेषज्ञ कैडर का गठन हो, गतिशील सुनिश्चित कैरियर प्रगति (ACP) योजना लागू हो, SMO की सीधी भर्ती पर तुरंत रोक लगाई जाए और पीजी के लिए बॉन्ड राशि 1 करोड़ से घटा कर 50 लाख किया जाए. डॉक्टर राजेश ख्यालिया ने हैरानी जताते हुए कहा की स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री ऑफिस तक से फाइल आगे बढ़ चुकी है लेकिन अब तक अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है. उनका कहना है कि 2 साल पहले ही स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री तक ने उनकी सभी मांगों को उचित ठहराते हुए जल्द स्वीकार करने का भरोसा दिया था. लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि मांगें नहीं मानी गई तो 29 दिसंबर से ओपीडी सेवा के साथ इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएगी.
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