चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को चंडीगढ़ में 'सीएम की विशेष चर्चा' कार्यक्रम के तहत पशुपालन विभाग की मिनी और हाई-टेक डेयरियों के लाभार्थियों से संवाद किया. उन्होंने कहा कि हमारे पास डेयरी एक सशक्त विकल्प है. जिससे किसान को अतिरिक्त आय की प्राप्ति हो सकेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने छोटे किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को अपना काम शुरू करने के लिए हाईटेक और मिनी डेयरी स्कीम चलाई है. स्कीम के तहत 10 दुधारू पशुओं तक की मिनी डेयरी खोलने के लिए पशुओं की लागत पर 25% सब्सिडी दी जाती है.
इसके अलावा, अनुसूचित जाति के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने की स्कीम के तहत 3 पशुओं की डेयरी खोलने पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है. 20 से अधिक दुधारू पशु की हाईटेक डेयरी स्थापित करने के लिए ब्याज में छूट दी जाती है. मनोहर लाल ने बताया कि इस योजना के तहत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 13244 डेयरियां स्थापित हुई है. पशुपालन के लिए पूंजी की आवश्यकता की पूर्ति हो सके इसके, इसके लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है. अब तक 154000 पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड बैंकों द्वारा स्वीकृत किए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में श्वेत क्रांति लाने में सहकारी आंदोलन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. हरियाणा में भी सहकारी दुग्ध समितियों का जाल बिछाया हुआ है, वीटा के उत्पादों का बाजार में अपना स्थान है. प्रदेश में इस समय दूध की खरीद के लिए 3300 सहकारी दुग्ध समितियां और 6 दूध प्रोसेसिंग के मिल्क प्लांट हैं. मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सहकारी दुग्ध समितियों के दुग्ध उत्पादकों को ₹5 प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है. सहकारी दुग्ध समितियों के दूध उत्पादकों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना भी शुरू की गई है.