चंडीगढ़: जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस कुलदीप सिंह की खंडपीठ ने अशोक खेमका की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि खेमका जैसे अधिकारियों को संरक्षण दिया जाना बेहद जरुरी है. दरअसल मामला था कि वर्ष 2016-17 के लिए 2017 में खेमका ने अपना अप्रेजल भरा था.
आपको बता दें कि उनके इस अप्रेजल पर मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी ने उन्हें 10 में से 8.22 अंक दिए थे. इसके बाद मंत्री अनिल विज ने उन्हें 10 में से 9.92 अंक देते हुए टिप्पणी की है कि कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने पिछले तीन वर्षों में 20 से अधिक आई.ए.एस. अफसरों के साथ काम किया और उनका काम बेहतर रहा है. इसके बाद ये अप्रेजल रिपोर्ट 31 दिसंबर 2017 को मुख्यमंत्री के पास पहुंची. आपको बता दें मुख्यमंत्री ने खेमका के अंक कम करते हुए उन्हें 10 में से 9 अंक दिए. साथ ही उन्होंने अपनी टिप्पणी करते हुए कहा कि विज की रिपोर्ट में खेमका के बारे में कुछ ज्यादा ही वर्णन किया गया है.