चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लघु, सुक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों के लिए जिला स्तर पर क्लस्टर स्थापित करने की योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. जिससे नए स्टार्टअप को प्रोत्साहन मिल सके. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाने हैं. मुख्यमंत्री सोमवार को चंडीगढ़ में एमएसएमई (MSMEs) की क्लस्टर योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने इसके लिए बारीकि से योजना बनाने के निर्देश दिए. इनमें एक्सपोर्ट का काम विदेश सहयोग विभाग मुख्यरूप से देखेगा. उन्होंने अधिकारियों को कहा कि पूरी योजना बनाकर पोर्टल पर लोगों से सुझाव मांगे जाएं कि लोग किस प्रकार के उद्योग लगाने में रुचि ले रहे हैं. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को क्लस्टर स्थापित करने के लिए जमीन की व्यवस्था भी समय से करने को कहा है.
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आगे उन्होंने कहा कि हरियाणा से किन-किन वस्तुओं का निर्यात होता है, उस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर एक्सपोर्ट करने वालों की एक काउंसिल बनाए जाएं. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कई जिलों के लिए प्रोडक्ट आधारित क्लस्टर बनाने के बारे में कहा कि फूड प्रोडक्ट आधारित क्लस्टर पर फोकस करें. जैसे दादरी में टमाटर, रेवाड़ी में डेयरी, महेन्द्रगढ में सरसों, सिरसा जिले में किन्नु का उत्पादन ज्यादा होता है. इसलिए इन जिलों में इन्हीं प्रोडक्ट पर आधारित क्लस्टर लगाए जाने से ज्यादा कारगर होंगे.
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उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे उद्योग लगने से लोगों को अधिक रोजगार मिलेगा और नए स्टार्टअप भी उभर कर सामने आएंगे. इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, प्रधान सचिव अनुराग अग्रवाल, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव विजेन्द्र कुमार, महानिदेशक एमएसएमई विकास गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक डा. साकेत कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.