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शराब पर सियासत! विपक्ष बोला- सरकार को कोरोना वॉरियर्स से ज्यादा शराब कारोबारियों की चिंता

विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि प्रदेशभर में सभी जिलों में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा. प्रदेशभर में दो कैटेगरी में जिलों को बांटा गया है.

government decison to open wine shop is now political controversy in haryana
शराब पर सियासत!

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Published : Apr 13, 2020, 8:51 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में लॉक डाउन के बीच शराब पर सियासत शुरू हो चुकी है. प्रदेश के तमाम विपक्षी सियासत दान सरकार की शराब की ठेके खोलने के फैसले के खिलाफ मुखर हो चुके हैं. कोई आरोप लगा रहा है कि सरकार का साइड सॉर्स ऑफ इनकम बंद हो गया जिससे ये फैसला लिया गया तो कोई आरोप लगा रहा है कि डिप्टी सीएम के रिश्तेदार का नुकसान हो रहा है जिस वजह से ये फैसला लिया गया. ये विवाद हरियाणा के सियासी गलियारे में कोरोना संक्रमण की तरह फैल चुका है. हर नेता इस पर चर्चा कर रहा है, कोई मीडिया के सामने बायनबाजी कर रहा है, तो कोई सोशल मीडिया पर बोल रहा है.

डिप्टी सीएम के नाना हैं शराब कारोबारी: अभय चौटाला

विधायक अभय चौटाला ने हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि उसे हरियाणा में शराब के ठेके खोलने की ज्यादा जल्दी है, क्योंकि उसका नाना शराब का बड़ा ठेकेदार रहा है. उनका कहना है कि शराब माफिया सरकार पर हावी है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान शराब के ठेके खोलने का विचार कर रही है जो सरासर गलत है.

ये खबर पढे़ं- दुष्यंत चौटाला को हरियाणा में शराब के ठेके खोलने की ज्यादा जल्दी है: अभय चौटाला

अभय के आरोपों पर निशान सिंह की सफाई

अभय चौटाला के इस बयान पर जेजेपी प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह ने सभी आरोपों का खंडन किया. उनका कहना है कि दुष्यंत चौटाला के नाना शराब ठेकेदारी का व्यवसाय करते हैं, इसीलिए सरकार हरियाणा में शराब के ठेके खोलने के लिए आतुर है. निशान सिंह ने कहा कि दुष्यंत चौटाला के नाना का काफी बड़ा जमीदारा है, इस प्रकार की ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए.

'सरकार शराब कारखाने खोलने पर जोर दे रही है'

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा सरकार शराब कारखाने चलाने पर जोर दे रही है, लेकिन सरकार का ध्यान कोरोना और उससे लड़ रहे कोरोना वॉरियर्स पर नहीं है. पुलिसकर्मी दिन रात ठीकरी पहरा दे रहे हैं. पानी-बिजली कर्मचारी जान हथेली पर रखकर एसेंशियल सर्विस को बनाए रखने पर जोर दे रहे हैं. इस सभी के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है. सरकार बस शराब कारखाने खोलने की चिंता कर रही है.

ये खबर पढ़ें-हरियाणा की जनता की जगह प्रदेश सरकार को है शराब ठेकेदारों की चिंता-सुरजेवाला

वहीं सरकार की तरफ से भी लगातार इस मामले में सफाई दी जा रही है. सरकार का कहना है कि ये फैसला बेहद जरूरी है. इसमें सरकार का कोई स्वार्थ नहीं है, बल्कि उन्हें ध्यान में रखकर ये फैसला लिया गया जो पहले से शराब की लत में हैं और नशे के बुरे विकल्पों को चुनने लगे हैं. माफिया घटिया शराब बेच रहे हैं जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ रहा है और शराब की दुकाने बंद होने पर राजस्व को भी नुकसान पहुंच रहा है.

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