चंडीगढ़: कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद से ज्यादातर व्यवसाए अभी तक उबर नहीं पाए हैं. अब जब जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी तो फिर से कोरोना के नए वैरिएंट स्ट्रेन ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है. कोरोना का नया स्ट्रेन तेजी से बढ़ रहा है. जिसकी वजह से कैब यानी टैक्सी व्यापार पर बुरा असर पड़ रहा है.
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टैक्सी संचालक ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान बताया कि लॉकडाउन के बाद से उनका काम 10 से 15 प्रतिशत ही चल पाया है. अब नया स्ट्रेन आने से इसपर भी असर पड़ रहा है.
सिर्फ कोरोना की दूसरी लहर ही नहीं, इन वजहों से भी आर्थिक मंदी से जूझ रहा टैक्सी कारोबार कोरोना स्ट्रेन के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग अब घर में रहना ज्यादा पसंद करते हैं. अगर वो कहीं जाते भी हैं तो सफर करने के लिए निजी वाहनों को चुनते हैं, ताकि इस महामारी से बचा जा सके. इस वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट और टैक्सी चालक इससे बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. बहुत से चालक ऐसे हैं जिन्होंने बैंक से लोन लेकर टैक्सी खरीदी है, ऐसे में वो लोन की किस्त भी नहीं चुका पा रहे हैं. बैंक और सरकार की तरफ से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है.
आर्थिक मंदी से जूझ रहा टैक्सी कारोबार इन वजहों से भी टैक्सी संचालकों हो रहा नुकसान
कोरोना से पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साथ चंडीगढ़ में टैक्सी खूब चलती थी. ये टैक्सी हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली और जम्मू तक जाती थीं, लेकिन कोरोना के बाद से ज्यादातर टैक्सियां खड़ी हैं. क्योंकि टैक्सी चालकों को ग्राहक नहीं मिल रहे. ग्राहक मिल भी जाए तो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए टैक्सी चालकों को पास और कोरोना रिपोर्ट दिखानी पड़ती है.
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कई राज्यों ने बाहरी टैक्सियों को बैन कर दिया है. जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है. कोरोना के नए वेरिएंट स्ट्रेन या फिर यू कहें कि कोरोना की दूसरी लहर से पटरी पर आते टैक्सी व्यापार को फिर से झटका लगा है. जिसकी वजह से टैक्सी संचालक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. ऐसे में टैक्सी चालकों ने बैंकों और सरकार से राहत की मांग की है.