दिल्ली/चंडीगढ़ःदेश की नई शिक्षा नीति तैयार की जा रही है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके लिए लोगों से सुझाव भी मांगे हैं.
नई शिक्षा नीति में बच्चों को मिड-डे मील में लंच के साथ ब्रेकफास्ट देने का भी प्रावधान किया गया है.
अभी सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को मिड-डे मील में दोपहर का भोजन दिया जाता है. इसमें स्कूलों ने दिन के हिसाब से अलग-अलग मेन्यू बनाया हुआ है. आमतौर पर दाल-चावल, चना-चावल, रोटी-सब्जी बच्चों को परोसी जाती है. विशेष मौकों स्कूल अपने हिसाब से भी भोजन तैयार कराते हैं.
नई शिक्षा नीति में ब्रेकफास्ट का प्रावधान केंद्र सरकार की ओर से ज्यादा से ज्यादा बच्चों को सरकारी स्कूलों की ओर आकर्षित करने के मकसद से किया जा रहा है. ब्रेकफास्ट में छात्रों को दूध-ब्रेड, अंडा या केले वगैरह दिए जा सकते हैं. हरियाणा सरकार पहले से ही आंगनबाड़ी में यह सुविधा शुरू कराने की कोशिशों में जुटी हुई है.
सरकार ने सीआईआई के अलावा बड़े औद्योगिक घरानों को पत्र लिखकर आंगनबाड़ी में नौनिहालों को दूध, ब्रेड, अंडा और केला कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत मुहैया कराने के लिए कहा है.
नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट की मुख्य बातेंः-
- शिक्षा के अधिकार का विस्तार कर इसे 1-12वीं तक किया जाएगा
- देश भर में लगभग दस लाख शिक्षकों के खाली पद भरे जाएंगे
- स्कूलों में सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा
- 12वीं के बाद बीएड चार साल, बीए के बाद दो साल, एमए के बाद एक साल का होगा
- बोर्ड परीक्षा का डर कम किया जाएगा
- ऑनलाइन मूल्यांकन पर जोर
- टीचर नियुक्तियों में इंटरव्यू जरूर होगा
- प्रमोशन में भी विभागीय परीक्षा
- गांवों में तैनात शिक्षकों के लिए विशेष भत्ते
- शिक्षकों के तबादले बहुत जरूरी होने पर ही होंगे
- शिक्षकों के लिए विद्यालय के नजदीक आवास
- व्यवसायिक शिक्षा पर बल
- शिक्षक छात्र अनुपात 25-1, 30-1 रहेगा
- स्कूली स्तर पर आठवीं के बाद विदेशी भाषा के कोर्स
- निजी स्कूलों पर पहले से ज्यादा नियंत्रण
- निजी स्कूल नाम में (पब्लिक) शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे
- अध्यापक पात्रता परीक्षा के बिना निजी स्कूलों में भी नियुक्त नहीं होंगे शिक्षक
- शिक्षा मित्र,पैरा टीचर,गेस्ट टीचरों की नियुक्ति नहीं होगी
- गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति
- स्कूल प्रबंधन समिति अब निजी स्कूलों में भी गठित की जाएगा