चंडीगढ़: पानीपत जिले के नौल्था और जोधन कला गांव में अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड की ओर से 100 एकड़ भूमि पर वेयरहाउस बनाया जा रहा है. इसपर कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है.
ईटीवी भारत हरियाणा के साथ बातचीत में दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार ने जानबूझकर कोरोना के वक्त में ये जमीन अडानी को दी. जिससे ये साफ हो गया है कि सरकार पूंजीपतियों के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार है, लेकिन किसानों के लिए नहीं.
वीडियो पर क्लिक र जानें दीपेंद्र हुड्डा ने क्या कहा. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इस सरकार का किसान विरोधी चेहरा सबके सामने आ गया है. अड़ानी को ये जमीन देना सरकार की सोची समझी साजिश है. सरकार को इसके परिणाम भुगतने होंगे. दीपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इसपर स्थिति साफ करने की मांग की.
क्या है पूरा मामला?
पानीपत जिले के नौल्था और जोधन कला गांव में अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड की ओर से 100 एकड़ भूमि पर वेयरहाउस बनाया जा रहा है. जिसको लेकर अब गांव के कई किसान विरोध कर रहे हैं. कुछ किसानों का आरोप है कि अडाणी समूह ने उनसे सस्ते दामों में जमीन खरीदकर ऐसे भंडारण कक्ष तैयार कर रहा है जहां अनाज स्टोर करके रखा जाएगा. किसानों का कहना है कि जब जमीन खरीदी जा रही थी तब उन्हें कहा गया था कि इस पर रेलवे कारखाना लगाया जायेगा.
7 मई 2020 को सीएलयू की परमिशन दी गई
जोधन कला में अधिकृत जमीन का लैंड यूज बदलकर गोदाम कृषि उत्पाद स्थापित करने की अनुमति अदानी एग्री लॉजिस्टिक लिमिटेड की ओर से मांगी गई थी और 7 मई 2020 को सीएलयू (चेंज ऑफ लैंड यूज) परमिशन दे दी गई. आदेश पत्र डायरेक्टर ऑफ टाउन एंड कंट्री प्लैनिंग हरियाणा की ओर से जारी किया गया है. जिसमें कुछ औपचारिक शर्तों के साथ लैंड यूज बदलने की आज्ञा दी गई है. इसके लिए 27 लाख 469 रुपये का चार्ज लिया गया है. इस आदेश पत्र पर डायरेक्टर मकरंद पांडुरंगा के हस्ताक्षर हैं.
यहां जानें क्या है पूरा मामला- पानीपत में बन रहा है अडानी ग्रुप का अनाज गोदाम, 2018 में खरीदी गई थी जमीन
जानकारी के मुताबिक वेयर हाउस के निर्माण के लिए ये जमीन 2 वर्ष पहले खरीदी गई थी. फिलहाल भूमि पर खुदाई का काम चल रहा है. भूमि को स्पेशल इकोनामी जोन भी घोषित किया गया है. यहां 60 बड़े गोदाम बनने हैं. ओरछा गांव की जमीन पर ये वेयरहाउस रेलवे लाइन के करीब है. जहां से देश और विदेश के लिए ट्रांसपोर्टेशन आसानी से हो पाएगा. किसानों के मुताबिक 35 लाख प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन के दाम निर्धारित किए गए थे.