हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

फसल अवशेष प्रबंधन की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा, पराली जलाने के मामले में आई 34 प्रतिशत की कमी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य में फसल अवशेष प्रबंधन पर संतोष व्यक्त किया और विभाग को इसे एक जन आंदोलन बनाने के लिए कहा. पर्यावरण के बारे में अधिक सतर्क होने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसे संरक्षित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

cm meeting paddy residue

By

Published : Nov 1, 2019, 9:54 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे किसानों को फसल अवशेषों को न जलाने के लिए प्रोत्साहित करें और साथ ही उन्हें फसल के अवशेषों के प्रबंधन के लिए विभिन्न विकल्पों के बारे में बताएं ताकि पर्यावरण का संरक्षण किया जा सके.

फसल अवशेष जलाने में आई कमी
मुख्यमंत्री ने फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) योजना की समीक्षा करने के लिए बैठक की. बैठक में बताया गया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 22 अक्टूबर तक राज्य में फसल अवशेष जलाने के क्षेत्र में 34 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है.

पराली जलाने की घटनाओं में कमी
पिछले साल जहां 57,000 हेक्टेयर भूमि पर फसल अवशेष जलाने की सूचना मिली थी. वहीं इस वर्ष केवल 38,000 हेक्टेयर में फसल अवशेष जलाने की जानकारी मिली है. यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 6.5 प्रतिशत फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में कमी आई है.

पराली जलाने के मामले में जागरुकता
बैठक में बताया गया कि राज्य में फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) पखवाड़े का आयोजन किया गया था, जिसमें लगभग 1.20 लाख छात्रों की सहायता से राज्य के प्रत्येक गांव को कवर करने का प्रयास किया गया. इसके अलावा, ‘पराली पलटन’ के नाम से एक स्वयंसेवी गतिविधि भी 20,000 एनएसएस छात्रों की भागीदारी के साथ शुरू की गई. साथ ही छात्रों को यह भी शपथ दिलाई गई कि वे कृषि अवशेषों को नहीं जलाएंगे और दूसरों को भी इस गतिविधि से दूर रहने के लिए प्रेरित करेंगे.

कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित होंगे
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि अब तक 1248 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जो कि स्थापित किए जाने वाले कुल केंद्रों की संख्या का 90 प्रतिशत है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कृषि और किसान कल्याण विभाग के अधिकारी राज्य के उन शीर्ष 10 गांवों का दौरा करें, जहां फसल अवशेष जलाने की गतिविधि के पीछे के कारण का पता लगाया जा सके.

गांवों में डीसी करेंगे बैठक
उन्होंने कहा कि उन लोगों को 1000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा जो अपने क्षेत्र में फसल अवशेषों को जलाने के बारे में जानकारी देंगे और सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान को भी गुप्त रखा जाएगा. संबंधित जिलों के उपायुक्त (डीसी) भी इन गांवों में ग्राम सभा की बैठक आयोजित करेंगे ताकि इस मुद्दे पर किसानों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया जा सके और इसके पीछे के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके.

पराली उपयोग की संभावनाएं
मुख्यमंत्री द्वारा किसानों से फसल अवशेषों की खरीद के लिए विभिन्न विकल्पों की खोज के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए. उन्होंने बिजली उत्पादन के लिए चीनी मिलों में फसल अवशेषों के उपयोग की संभावनाओं का पता लगाने का निर्देश दिया.

सीएम ने रिपोर्ट पेश करने के दिए निर्देश
उन्होंने निर्देश दिया कि इस संबंध में एक रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत की जाए. उन्होंने कहा कि किसानों को फसल अवशेष बेचने और फसल अवशेष प्रबंधन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाओं के नवीनतम उपकरणों और लाभों को देने पर भी चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने उपायुक्तों को अपने संबंधित जिलों में फसल अवशेष जलाने पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने के भी निर्देश दिए.

प्रत्येक मंडी में मृदा परीक्षण लैब
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य की प्रत्येक मंडी में एक मृदा परीक्षण लैब खोली जाए, जिसमें किसानों की कृषि भूमि का परीक्षण किया जाएगा. कृषि और किसान कल्याण विभाग को इस संबंध में एक कार्यक्रम बनाने का निर्देश दिया. इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक पांच गांवों पर माइक्रो मृदा परीक्षण लैब स्थापित की जाएगी.

ये भी पढे़ं:-पराली जलाने वाले किसानों पर प्रशासन सख्त, फतेहाबाद में अब तक 148 किसानों पर FIR दर्ज

लवणयुक्त भूमि को खेती योग्य बनाने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने राज्य में एक व्यापक ‘लवणता मुक्त भूमि’ अभियान शुरू करने का निर्देश दिया. कृषि और किसान कल्याण विभाग से कहा कि वे लवणयुक्त भूमि को खेती योग्य बनाने के लिए प्रयास करें ताकि इस भूमि को किसानों के लिए आजीविका का स्रोत बनाया जा सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details