हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

ग्राउंड रिपोर्ट: अंबाला में बर्बाद होने के कगार पर लाखों टन अनाज

अंबाला जिले में कहीं पर गेहूं को ऊपर से प्लास्टिक के त्रिपाल के साथ अच्छे से ढका गया, तो कहीं खानापूर्ति कर दी गई और तो और बहुत सी गेहूं की बोरियां खराब स्थिति में भी पाई गईं. पूरे जिले में लगभग कई हजार मिट्रिक टन अनाज ऐसे ही खुले में रखा गया है.

यहां हजारों टन अनाज ऊपर से नहीं नीचे से भीगेगा!

By

Published : Jul 13, 2019, 8:20 AM IST

Updated : Jul 13, 2019, 12:43 PM IST

अंबालाःईटीवी भारत की खास पेशकश 'ऑपरेशन गोदाम' में ईटीवी भारत की टीम ने अंबाला जिले के सभी गोदामों और खुले में रखे गए अनाज के रखरखाव की पड़ताल की. जब हम अंबाला शहर के मानिकपुर गांव में बने वेयर हाउस पहुंचे तो वहां की तस्वीर बताती है कि कभी भी बादल घनघोर बरस कर खुले में रखे इस गेंहू को ऊपर से नहीं नीचे से पानी-पानी कर देंगे.

यहां कहीं पर गेहूं को ऊपर से प्लास्टिक के त्रिपाल के साथ अच्छे से ढका गया है, तो कहीं खानापूर्ति कर दी गई और तो और बहुत सी गेहूं की बोरियां खराब स्थिति में भी पाई गईं. पूरे जिले में कई हजार मिट्रिक टन अनाज ऐसे ही खुले में रखा गया है.

क्लिक कर देखें वीडियो

इस साल कितना अनाज खरीदा गया ?

आपको बता दें कि अंबाला जिले में 30 जून 2019 तक कुल 3,41,995 मिट्रिक टन गेहूं जिले की मंडियों में आया. जिनमें से 61,897 मिट्रिक टन खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता विभाग ने खरीदा और किराए पर लिए गए जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के गोदामों में रखा गया. हालांकि 49,330 मिट्रिक टन अनाज खुले में रखा गया है.

वहीं हैफेड ने लगभग 27,0191 मिट्रिक टन अनाज खरीदा और उसे अपने गोदामों में रखा, जिनमें से लगभग एक लाख मिट्रिक टन जिले की अलग-अलग अनाज मंडियों में खुले में पड़ा है. हरियाणा स्टेट वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन ने 9,907 मिट्रिक टन अनाज खरीदा, जिसमें से 5,400 मिट्रिक टन अनाज खुले में पड़ा है.

अब आप खुद ही सोचिए जब जमकर बरसात होती है तो कैसे गली मुहल्लों में, मैदानों में बारिश का पानी लबालब भर जाता. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर यहां भी किसी दिन मूसलाधार बारिश हो गई और गेंहूं ऊपर से नहीं नीचे से भीग गया तो किसकी जवाबदेही होगी. हां एक और बात ये हालात आज के नहीं बल्कि कई सालों से ऐसे ही हैं.

जिले में कितने गोदाम ?

यहां एक और अहम बात का जिक्र करना जरूरी है. अंबाला जिले में कुल 22 अनाज रखने के गोदाम हैं जिनमें से 6 गोदाम हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड, 6 हरियाणा स्टेट वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन और 10 हैफेड के गोदाम हैं, जबकि हरियाणा सरकार के अपने विभाग खाद्य नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता विभाग के पास कहने तक को अपना एक भी गोदाम नहीं है.

हरियाणा स्टेट वेयरहा उसिंग कॉरपोरेशन, हैफेड और हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड ये तीनों संस्थाएं सेमी गवर्नमेंट हैं जिसका मतलब यहां पर सरकार के साथ-साथ कोई भी व्यापारी अपना निजी सामान इन गोदामों में रख सकता है.

5 साल में नहीं बना एक भी गोदाम

वहीं हरियाणा स्टेट वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन डिस्ट्रिक्ट मैनेजर वाई पी सिंह ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में एक भी नया गोदाम बनकर तैयार नहीं किया गया है. वाई पी सिंह बताते हैं कि जिन गोदामों की जिम्मेदारी उनके पास है, उनमें दवाईयों का छिड़काव समय-समय पर करते रहते हैं. बहरहाल हमारी पड़ताल आपने देखी. अब आप खुद तय कर सकते हैं और सोच समझ सकते हैं कि भ्रष्ट और लापरवाह तंत्र अन्न के एक एक दाने को किस तरह से संभाल रहा है.

Last Updated : Jul 13, 2019, 12:43 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details