नारनौल: लोकसभा चुनाव-2014 के परिणाम को लेकर बूथ वाइज नजर डालें तो कई जगहआपको हैरानी हो सकती है. भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा के 9 में से 8 हलकों में 32 बूथ ऐसे मिले हैं, जिनमें पहले से तीसरे नंबर तक रहे तीनों प्रत्याशियों में से कोई भी एक प्रत्याशी 10 से अधिक वोट हासिल नहीं कर पाया था.
दो बूथ तो ऐसे हैं, जिन पर टॉप तीन में से दो-दो प्रत्याशी को भी 10 से अधिक वोट नहीं मिले. ऐसे में इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों की इन बूथों पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए गतिविधियां तेज हो गई हैं.
अकेला भिवानी हलका ऐसा है, जहां के वोटरों ने इन तीन प्रत्याशियों (चौधरी धर्मबीर सिंह, राव बहादुर सिंह और श्रुति चौधरी) को हर बूथ पर कम से कम 10 से ऊपर वोट दिए. जबकि लोहारू में दो बूथ पर धर्मबीर, राव बहादुर सिंह और श्रुति को 10 से कम वोट मिले. बाढड़ा में ऐसा केवल एक ही बूथ रहा, जहां राव बहादुर सिंह को 10 से कम वोट मिले.
दादरी हलके की बात करें तो यहां धर्मबीर और बहादुर सिंह को ऐसे एक-एक बूथ में निराशा हाथ लगी थी. किरण चौधरी के गढ़ कहे जाने वाले तोशाम हलके में अकेली श्रुति की ऐसी प्रत्याशी रहीं, जहां एक बूथ पर उन्हें 10 से कम वोट मिले. अटेली हलके में धर्मबीर की बढ़त सर्वाधिक रही थी.
वहीं इसी हलके के दो बूथ पर बहादुर सिंह और तीन बूथ पर श्रुति 10 से ऊपर वोट हासिल नहीं कर पाई थी. राव दान सिंह के हलके महेंद्रगढ़ में श्रुति के नाम ऐसे 7 बूथ आंकड़ों में दर्ज किए गए, जहां उन्हें 10 से ऊपर वोट ही नहीं मिल पाए. एक बूथ पर बहादुर सिंह भी पीछे रहे. जिले के सबसे छोटे हलके नारनौल की बात करें तो यहां वोटरों ने बहादुर सिंह का मान रखा.
चौधरी धर्मबीर और श्रुति दोनों को इस हलके में एक-एक ऐसे बूथ मिले, जहां वह वोट में 10 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए थे. राव बहादुर सिंह जहां से विधायक रहे, वहीं के 11 बूथों पर वह 10-10 से अधिक भी वोट हासिल नहीं कर पाए थे. यहां धर्मबीर को भी एक बूथ पर 10 से कम वोट मिले थे. अब राव बहादुर सिंह कांग्रेस पार्टी में आ गए हैं.
ऐसे बूथ जहां प्रत्याशी को 10 से ऊपर नहीं मिले वोट
54-लोहारू
बूथ | धर्मबीर | बहादुर सिंह | श्रुति चौधरी | पोलिंग |
86 | 152 | 07 | 123 | 297 |
104 | 00 | 56 | 01 | 57 |