अंबाला:लोकसभा के अंदर नागरिक संशोधन बिल के पास होने के दौरान एएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा बिल की प्रति को फाड़ने को लेकर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने ओवैसी को आड़े हाथों लिया . गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि वो एक बदतमीज आदमी है और मीडिया के अंदर लाइमलाइट में आने के लिए इस तरह की हरकतें करता है.
क्या है नागरिकता संशोधन बिल?
नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया गया है. जिससे नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नियमों में बदलाव किया गया है. नागरिकता बिल में इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा.
ओवैसी के नागरिक संशोधन बिल की कॉपी फाड़ने भड़के अनिल विज ये भी पढ़ें:- 'पानीपत' विवाद: महाराजा सूरजमल के वंशज बोले- फिल्म पर लगे बैन और निर्माता मांगे माफी
भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए देश में 11 साल निवास करने वाले लोग योग्य होते हैं. नागरिकता संशोधन बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शरणार्थियों के लिए निवास अवधि की बाध्यता को 11 साल से घटाकर 6 साल का प्रावधान किया गया है.
ग्रुप डी की भर्ती पर अनिल विज का बयान
वहीं जब उनसे पूछा गया कि कुछ ही समय पहले ग्रुप डी के अंदर लगभग 18000 भर्ती हुई थी जिसमें से लगभग 5000 ग्रुप डी के अभ्यार्थी पुलिस विभाग को छोड़कर अन्य विभाग में जाने की तैयारी में है इस पर अनिल विज ने बड़े ही सधे हुए अंदाज में कहा कि ये एक आम प्रक्रिया है जो जाना चाहता है वो चला जाए.