रोहतक: भारतीय चुनाव आयोग ने एक अगस्त से वोटर आईडी कार्ड को आधार से जोड़ने (Voter card and Aadhaar link Campaign) के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है. इस अभियान का उद्देश्य मतदाताओं की पहचान स्थापित करना और मतदाता सूची में प्रविष्टियों को प्रमाणित करने के साथ-साथ उनकी पहचान करना है. यह जानकारी डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने शनिवार को दी.
उन्होंने बताया कि आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ने के लिए, मतदाताओं को चुनाव आयोग की वेबसाइट और चुनावी पंजीकरण कार्यालय में ऑनलाइन उपलब्ध आवेदन फॉर्म 6-बी भरना होगा. इसे वोटर हेल्पलाइन ऐप और राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर भी ऑनलाइन जोड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि मतदाताओं के भौतिक दस्तावेजों और कम्प्यूटरीकृत जानकारी की सुरक्षा के लिए डबल लॉक सिस्टम का प्रावधान है. आधार कार्ड नंबर को गोपनीय रखने के लिए मास्किंग का इस्तेमाल किया जाएगा. मतदाता पहचान पत्र और आधार को जोड़ने से मतदाता की पहचान स्थापित होती है और मतदाता सूची में प्रविष्टियों को प्रमाणित करता है. इससे मतदाता नामों के दोहराव से बचा जाता है और मतदाताओं को मोबाइल फोन के माध्यम से चुनाव आयोग की नवीनतम सूचनाओं के बारे में सूचित करता है.
कैप्टन मनोज कुमार ने यह भी बताया कि नई वोट के लिए जिस किसी व्यक्ति की आयु 1 जनवरी 2023 को 18 वर्ष या उससे अधिक हो और उसका प्रकाशित मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं है तो वह अपने क्षेत्र से संबंधित बीएलओ व जिला निर्वाचन अधिकारी रोहतक के कार्यालय में फार्म नंबर 6 भरकर आवेदन कर सकता है. इसके लिए रिहायशी व आयु का प्रमाण पत्र तथा पासपोर्ट साइज की रंगीन फोटो लगाकर देनी होगी. किसी भी मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटवाने के लिए फॉर्म नंबर 7, आधार कार्ड से जोड़ने के लिए फार्म नंबर 6 तथा प्रकाशित मतदाता सूची में किसी गलत इन्द्राज को शुद्ध करवाने के लिए फार्म नम्बर 8 भरकर देना होगा. सभी फार्म संबंधित बीएलओ तथा जिला निर्वाचन कार्यालय रोहतक से निशुल्क प्राप्त किए जा सकते हैं.
चुनावी में होने वाली गड़बड़ियों और फर्जी वोटिंग पर रोक लगाने के मकसद से चुनाव आयोग ने मतदाता पहचान पत्र (Voter Card) को अब आधार से जोड़ने का अभियान शुरू किया है. ये अभियान एक अगस्त से शुरू हो रहा है. हालांकि चुनाव आयोग की ये मुहिम पूरी तरह से स्वैच्छिक होगी यानि नागरिक अपना वोटर कार्ड आधार से लिंक करना चाहें तो करें ना करना चाहें तो नहीं करें. इस कारण के आधार पर किसी का मतदान पत्र निरस्त नहीं होगा.
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