पानीपत: हरियाणा के पानीपत में लाल चंदन के लकड़ी की तस्करी का पर्दाफाश किया गया (Red Sanders Wood Smuggling Racket Busted Panipat) है. दिल्ली कस्टम डिपार्टमेंट की टीम ने इसे समालखा के झट्टीपुर में एक कंटेनर की जांच के दौरान बरामद किया है. लकड़ी का वजन 15 टन से अधिक बताया जा रहा है. इस हिसाब से 75 लाख से ज्यादा कीमत की लकड़ी की तस्करी हो रही थी.
पानीपत में लाल चंदन के लकड़ी की तस्करी का पर्दाफाश, 75 लाख से ज्यादा का माल बरामद
पानीपत में लाल चंदन के लकड़ी की तस्करी (Red sandalwood smuggling in Panipat) का मामला सामने आया है. कस्टम की टीम ने मंगलवार देर रात झट्टीपुर के पास बने कॉन्टिनेंटल वेयरहाउस से करीब 15 टन से अधिक लाल चंदन की लकड़ियां पकड़ी हैं. लाल चंदन की लकड़ियों को एक कंटनेर में छिपाकर पानीपत के कंटेनर यार्ड तक लाया गया था
लाल चंदन का इस्तेमाल औषधी बनाने और कलाकृतियों व फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है, जो बेहद दुर्लभ और अत्यधिक महंगे होते हैं. हाल के वर्षों में मध्य पूर्व, यूरोप और चीन के देशों में लाल चंदन की तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं. आईसीडी झट्टीपुर के सहायक कमिश्रर प्रदीप मदेरना ने बताया कि कस्टम एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है. जब उनसे पूछा गया कि कितनी लकड़ी पकड़ी गई और कौन कंटेनर से लकड़ी तस्करी कर रहा था तो उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी.
पंजाब का तस्कर भेज रहा था चंदन- सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब का तस्कर कंटेनर से लाल चंदन भेज रहा था. दिल्ली के एक क्लीयरेंस एजेंट के माध्यम से यह कंटेनर भेजा जा रहा था. जांच के दौरान मंगलवार रात में कंटेनर से बरामद की गई लाल चंदन के लकड़ी की 75 लाख से ज्यादा की बताई जा रही है.
लाल चंदन की तस्करी पानीपत से क्यों ? (Why Red sandalwood smuggled from Panipat) आंध्र प्रदेश के चार जिलों- नेल्लोर, कुरनूल, चित्तूर, कडप्पा में फैली शेषाचलम की पहाड़ियों में ही लाल चंदन के पेड़ उगते हैं. वहीं, दूसरी ओर चीन में लाल चंदन की लकड़ियों की बहुत ज्यादा डिमांड है. पानीपत और चीन के बीच सैकड़ाें कंटेनर आते-जाते हैं. बताया जा रहा है कि पानीपत झट्टीपुर कस्टम पोर्ट में जांच के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा है. इस कारण से यहां से माल भेजना आसान है इसलिए पानीपत से ही चंदन का एक्सपोर्ट किया जा रहा था.