फरीदाबाद: गाय को खिलाए जाने वाला चारा महंगा हो गया है. जिससे डेयरी संचालकों की परेशानी बढ़ गई (Fodder price hike in Haryana) है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि चारा महंगा होने से प्रदेश में दूध के दामों में भी एक बार फिर बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं डेयरी संचालकों ने भी दूध के दामों में बढ़तोरी किए जाने की ओर ही इशारा किया है. बता दें, देश और प्रदेश में लोग पहले ही महंगाई से बेहद परेशान है और आने वाले दिनों में उनकी परेशानी और भी बढ़ती दिखाई दे रही है.
इस वर्ष 40 प्रतिशत तक बढ़े चारे के दाम: फरीदाबाद के डेयरी संचालकों का कहना है कि पिछले सीजन के मुकाबले इस सीजन में भूसे के रेट में काफी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि पिछले सीजन भूसे का रेट 300 रुपए प्रति मन था लेकिन इस सीजन भूसे के रेट बढ़कर करीब 500 रुपए प्रति मन हो चुका है. ऐसे में डेयरी संचालकों को अपने पशुओं के लिए चारा खरीदना मुश्किल हो गया है. वहीं मार्केट में भी उन्हें समय पर चारा या तो मिल ही नहीं पाता है या फिर फाफी कम मात्रा में मिल रहा है. जिसके चलते डेयरी संचालक काफी परेशान है.
हरियाणा में चारा हुआ महंगा गेहूं की फसल कम होने से भी बढ़े भूसे के दाम: साथ ही डेयरी संचालकों ने यह भी कहा कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष गेहूं की फसल कम होने की वजह से भूसा के रेट में बढ़ोतरी देखने को मिली है और कई जगह पर तो भूसा मिल भी नहीं रहा (Fodder price hike in faridabad ) है. ऐसे में उनके पशुओं के लिए चारा बड़ी मुश्किलों से एकत्रित करना पड़ रहा है. फिलहाल डेयरी संचालकों ने कहा कि इतनी महंगाई में पशुओं के लिए चारा लाना भी मुश्किल हो रहा है तो वहीं खल, चुनी, बिनोल जैसी चीजों के भी दाम बढ़ रहे हैं. अब डेरी संचालक दूध के दाम बढ़ाने की तैयारियां कर रहे हैं जिससे आने वाले दिनों में एक आम आदमी की जेब पर खासा असर पड़ेगा.
हरियाणा में चारा हुआ महंगा डेयरी संचालक ने दिया दूध की किमते बढ़ने का इशारा: वर्तमान में डेयरी संचालक दूध 60 रुपए प्रति लीटर बेच रहे हैं. वैसे तो पिछले काफी लंबे समय से दूध की कीमतों में उछाल की संभावनाएं जताई जा रही थी, लेकिन डेयरी संचालकों ने दूध के भाव में बढ़ोतरी करने को लेकर इशारा कर दिया है. डेयरी संचालकों के सामने भी कई प्रकार की मुसीबत मुंह खोले खड़ी हुई है. एक तो उनको चारा महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है साथ ही चारा मिलने में भी कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गौशालाओं में भी चारे की कमी किसी से छिपी नहीं है. कुछ समय पहले गौशालाओं में चारे की कमी को पूरा करने के लिए प्रशासन को कई जिलों में धारा 144 तक लगानी पड़ी थी.