फरीदाबाद:महिला के साथ साइबर फ्रॉड करने वाले एक आरोपी को एनआईटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर और उनकी टीम ने गिरफ्तार कर (Cyber thug arrested in Faridabad) लिया है. पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम निशु खान है, जो अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ एरिया का रहने वाला है. फरवरी 2022 में आरोपी और उसके अन्य साथी ने एनआईटी एरिया की रहने वाली एक महिला के साथ साइबर अपराध की वारदात को अंजाम दिया था.
महिला के पास एक ओवन था. जिसे वह बेचना चाहती थी और इसके लिए उस महिला ने ओएलएक्स वेबसाइट पर इसे बेचने के लिए एक पोस्ट डाली थी. आरोपी ने महिला की पोस्ट देखकर फोन पर उसे संपर्क किया और ओवन खरीदने की बात कही. उसने महिला से 17 हजार रुपए में खरीदने की डील पक्की की थी. इसके बाद आरोपी ने पैसे भेजने के नाम पर महिला के पेटीएम से अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए. महिला ने इसकी शिकायत एनआईटी थाने में दी जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की.
डीसीपी एनआईटी ने इस मामले में आरोपियों की धरपकड़ के लिए थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम का गठन किया. जिन्होंने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी निशु को 29 सितंबर को लक्ष्मणगढ़ एरिया से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी के कब्जे से वारदात में प्रयोग मोबाइल फोन बरामद किया गया. सोमवार को आरोपी को अदालत में पेश करके 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया, जिसमें पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि महिला के साथ ओवन की डील पक्की करके महिला के पेटीएम से लिंक मोबाइल नंबर की डिटेल ले ली और इसे अपने साथी आरोपी को दे दी.
आरोपी के साथी ने महिला के पेटीएम से धोखाधड़ी से पैसे ट्रांसफर करके उसके साथ साइबर फ्रॉड की वारदात ( Cyber fraud in Faridabad) को अंजाम दिया था. आरोपी ने बताया कि धोखाधड़ी से ट्रांसफर किए गए 17 हजार रुपये में से आरोपी को उसे 5100 रुपए मिले थे. आरोपी ने बताया कि वह अपने गांव में खेती करता है और उसका साथी भरतपुर के कामा एरिया का रहने वाला है, जो धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम देता है. पुलिस पूछताछ पूरी होने के बाद आरोपी को अदालत में दोबारा पेश करके जेल भेज दिया गया है और वारदात में शामिल उसके साथी की तलाश की जा रही है जिसे जल्द गिरफ्तार किया (Crime case in Haryana) जाएगा.
साइबर ठग कैसे बनाते हैं शिकार:ओएलएक्स जैसी वेबसाइट पर जब आप कोई भी वस्तु बेचना चाहते हैं तो इसके लिए उस वस्तु की फोटो आप ओएलएक्स वेबसाइट पर अपलोड करते हैं, जिसमें आपका मोबाइल नंबर साइबर अपराधियों के पास पहुंच जाता है और वह आपके द्वारा अपलोड की गई वस्तु को खरीदने की इच्छा व्यक्त करता (fraud in faridabad) है. फिर वह आपके गूगल पे, फोन पे या पेटीएम पर पैसों की एक रिक्वेस्ट बनाकर भेजते हैं और व्यक्ति को बातों में उलझाकर उसका सीक्रेट पिन डलवा देते हैं. जिससे पैसा आपके खाते से साइबर अपराधियों के खाते में ट्रांसफर हो जाता है.
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इसलिए जरूरी है कि इस तरह के साइबर अपराध से बचने के लिए आप सतर्क रहें और कहीं भी से भी पैसे लेते समय मैसेज को ध्यान से देखें और अपना पिन कहीं पर भी न डालें और किसी भी व्यक्ति के साथ अपना ओटीपी अकाउंट नंबर या क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल साझा ना करें. यदि इसके बावजूद आपके साथ साइबर फ्रॉड की घटना घटित हो जाती है तो इसकी सूचना तुरंत 1930 पर दें. आपकी तुरंत सहायता की जाएगी. इस प्रकार छोटी-छोटी सावधानियों को ध्यान में रखकर आप अपने आपको साइबर अपराध का शिकार होने से बचा सकते हैं.