चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को हरियाणा निवास में प्रदेशभर के जिला उपायुक्त व पुलिस अधीक्षकों की बैठक के बाद प्रेस को संबोधित किया. उन्होंने लैंप नेशनल ट्रेजरी कहानी का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे चाणक्य ने अपने निजी काम के लिए राष्ट्रीय संपदा का इस्तेमाल न करके निजी संपदा का इस्तेमाल किया, वैसे ही हमें सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग रोकने के साथ-साथ चरित्र निर्माण करना होगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नई हाई पावर कमेटी के गठन और विजिलेंस का डिविजन लेवल तक विस्तार करने की भी घोषणा की.
भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने 6 डिविजन लेवल यूनिट गठित-मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना की वजह से प्रदेशभर के जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों से व्यक्तिगत तौर पर कोई बैठक नहीं हो पाई थी. 2 वर्ष के बाद यह बैठक आयोजित की गई है. इस कड़ी में यह 16वीं बैठक है. इसमें मुख्य रूप से हाल ही में पेश किए गए बजट के फोकस बिंदुओं पर चर्चा की गई. इसके साथ-साथ भ्रष्टाचार पर कैसे रोक लगाई जाए, इस विषय पर भी विचार किया गया. भ्रष्टाचार पर अंकुश (corruption in haryana) के लिए हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो (Haryana State Vigilance Bureau) का विकेंद्रीकरण करते हुए डिविजनल लेवल पर 6 स्वतंत्र इकाइयां गठित करने का निर्णय लिया गया है.
इन यूनिट पर होगी यह जिम्मेदारी- डिविजनल लेवल पर इन इकाइयों की जिम्मेदारी प्रॉसीक्यूशन सेक्शन डिविजनल कमिश्नर के पास रहेगी. इन इकाइयों का मुख्य कार्य ग्रुप बी, सी व डी श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध मिली 1 करोड़ रुपये राशि तक की शिकायतों की जांच करना होगा. ग्रुप-ए श्रेणी के कर्मचारियों व 1 करोड़ से अधिक राशि की शिकायतों की जांच स्टेट विजिलेंस ब्यूरो पहले की तरह करता रहेगा. इसके अलावा विजिलेंस विभाग द्वारा अतिरिक्त जिला उपायुक्तों की अध्यक्षता में पहले ही जिला विजिलेंस टीम कार्यरत हैं. सरकार ने इन्हें भी मजबूत किया है.
पहली बार हाई पावर कमेटी का गठन-पिछले 2 महीनों में इनके पास भी 98 शिकायतें आई हैं, जिनकी जांच जारी है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि भ्रष्टाचार पर और अधिक प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए सरकार ने पहली बार हाई पावर कमेटी का गठन किया है. इसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव, हरियाणा करेंगे. इसके अलावा इसमें राजस्व वित्तायुक्त, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) और निदेशक स्टेट विजिलेंस ब्यूरो इसके सदस्य के तौर पर शामिल होंगे. भ्रष्टचार की शिकायतों के निवारण जल्द से जल्द करने के लिए इस कमेटी की हर महीने बैठक होगी.
सरकारी कर्मचारियों के लिए नए विभाग का गठन-मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के एक नए मानव संसाधन विभाग का गठन (department of human resources) करने का भी निर्णय लिया है. इस विभाग के अंतर्गत कर्मचारियों से जुड़ा रिकॉर्ड, उनकी ट्रांसफर, उनके ऊपर चल रहे मामले व रिटायर होने के बाद पेंशन से जुड़े मामले रहेंगे. यह विभाग खुद मुख्यमंत्री के पास रहेगा. फिलहाल इसके सचिव आईएएस चंद्रशेखर खरे को बनाया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए दंडात्मक, सुधारात्मक और चरित्र निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा है. भ्रष्टाचार आज गहराई तक घुस चुका है, पहले लोग इसे उजागर नहीं करते थे, लेकिन हमने इसे पकड़ने का काम किया है.