भिवानी: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा घोषित नई आबकारी नीति के नियमों पर स्वराज इंडिया पार्टी ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि हरियाणा सरकार की नई आबकारी नीति पूर्णता जन भावनाओं का अपमान है और साबित करती है कि हरियाणा सरकार प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा एवं भावनाओं को लेकर रत्ती भर भी गंभीर नहीं है.
नई आबकारी नीति के नियमों पर स्वराज इंडिया पार्टी ने जताई आपत्ति नई आबकारी नीति पर उठाए सवाल
स्वराज इंडिया पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राजीव गोदारा ने कहा है कि हरियाणा प्रदेश की मनोहर लाल खट्टर सरकार की प्रदेश के अंदर शराब एवं नशे के खिलाफ नीति एवं नियत सवालों के घेरे में है. उन्होंने स्पष्ट किया कि शराब एवं नशे की वजह से बर्बाद हो रहे हरियाणा प्रदेश के युवाओं, बढ़ते गृह क्लेश, महिला उत्पीड़न से हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ-साथ पूरी सरकार बेफिक्र है और सरकार की नई आबकारी नीति में दिए गए L-50 के प्रावधान के तहत कोई भी व्यक्ति घर में 24 बोतले रख सकता है जो ये स्पष्ट रूप से झलकता है कि हरियाणा सरकार प्रदेश के घर-घर तक शराब एवं नशे को पहुंचाने के लिए तत्पर है, जिस के संबंध में शराब उपलब्धता को लेकर नई-नई नीतियां बनाई जा रही हैं.
स्वराज इंडिया पार्टी के हरियाणा महासचिव दीपक लाम्बा ने कहा कि सरकार ने ठेकों की संख्या 2500 से 2600 कर दी है, जबकि सरकार गांवों में ठेके कम करने की पॉलिसी की घोषणा करती रही है और नई आबकारी नीति के तहत L-50 लाइसेंस हर घर में 24 बोतलों का ठेका खुलवा देगा. शराब कर में 18 से 20 फीसदी की गई कटौती, शराब की खपत में वृद्धि के लिए जिम्मेदार होगी और इस तरह की दोहरी नीतियों के रहते ग्राम सभा के माध्यम से गांव में शराब के ठेके बंद करने संबंधी प्रस्तावों की निरर्थकता की संभावना इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि नई आबकारी नीति के तहत प्रदेश के अंदर शराब एवं नशे को बढ़ावा मिलेगा.
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