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भिवानी: राज्य सूचना आयोग ने मौलिक शिक्षा निदेशालय को जारी किया कारण बताओ नोटिस

दो मामलों में आरटीआई कार्यकर्ता को निश्चित अवधि के दौरान शिक्षा निदेशालय द्वारा कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई. इन दोनों ही मामलों में बृजपाल परमार ने प्रथम अपील मौलिक शिक्षा निदेशक के समक्ष की, जिसने भी इस मामले में कोई सुनवाई तक नहीं की.

राज्य सूचना आयोग

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Published : Jul 29, 2019, 9:21 AM IST

भिवानी: हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय की लेटलतीफी पर एक बार फिर राज्य सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है. लेटलतीफी के दो मामलों में मौलिक शिक्षा विभाग के एसपीआईओ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 25-25 हजार रुपये यानी 50 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की चेतावनी दी है. इतना ही नहीं एसपीआईओ कम सुपरिडेंट को सूचना आयोग ने आगामी 15 जुलाई को व्यक्तिगत तौर पर आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.

राज्य सूचना आयोग द्वारा जारी किया गया नोटिस

क्या है मामला?
दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने प्रदेशभर में चल रहे कक्षा पहली से आठवीं तक अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के संबंध में आरटीआई के तहत 14 जनवरी को मौलिक शिक्षा निदेशालय से जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी.

इसी तरह बृजपाल परमार द्वारा एक अन्य आरटीआई में भिवानी के अंदर चल रहे नए 18 अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के संबंध में आरटीआई के तहत सूचनाएं मौलिक शिक्षा निदेशालय से 13 फरवरी को सूचनाएं मांगी गई थी. मगर इन दोनों ही मामलों में आरटीआई कार्यकर्ता को निश्चित अवधि के दौरान शिक्षा निदेशालय द्वारा कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई. इन दोनों ही मामलों में बृजपाल परमार ने प्रथम अपील मौलिक शिक्षा निदेशक के समक्ष की, जिसने भी इस मामले में कोई सुनवाई तक नहीं की.

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बृजपाल परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशक द्वारा प्रथम अपील में मामले की सुनवाई नहीं किए जाने पर भी उनके खिलाफ राज्य सूचना आयोग के समक्ष 27 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई गई. इसी मामले में पहली सुनवाई 27 जून को राज्य सूचना आयोग के समक्ष हुई. राज्य सूचना आयोग ने मौलिक शिक्षा निदेशक द्वारा इस मामले को गंभीरता से नहीं लिए जाने पर नाराजगी जाहिर की और कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए एसपीआईओ को 30 दिन के अंदर मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराए जाने के आदेश दिए.

इसी के साथ आयोग ने आरटीआई कार्यकर्ता बृजपाल परमार को भी रिकार्ड का अवलोकन कराए जाने के आदेश दिए. आयोग ने शोकॉज नोटिस में ये भी स्पष्ट किया कि अगर निर्धारित अवधि में सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराई गई तो दोनों ही मामलों में 25-25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका जाएगा. आयोग ने शो कॉज नोटिस का जवाब 9 अक्टूबर तक देने और 15 नवंबर को व्यक्तिगत तौर पर आयोग के समक्ष एसपीआईओ को पेश होने के आदेश दिए गए हैं.

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