फरीदाबाद: शनिवार को 35वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का शुभारंभ (International Surajkund Fair) हो गया है. हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल खट्टर ने दीप प्रज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया. इस दौरान राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला बुनकरों, शिल्पकारों तथा कलाकारों को मंच प्रदान करता है. इससे उन्हें अपनी प्रतिभा को तराशने एवं आजीविका कमाने मदद मिलेगी. साथ ही यह मेला कला, संगीत एवं सभ्यता का संगम है.
गौरतलब है कि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उज्बेकिस्तान के राजदूत दिल्शोद अख्तोव, केन्द्रीय विद्युत् एवं भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्णपाल, हरियाणा के पर्यटन मंत्री कंवर पाल, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा तथा मुख्य सचिव संजीव कौशल ने दीप प्रज्ज्वलन से 35वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट्स मेले का शुभारम्भ किया. सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के चेयरमैन अरविन्द सिंह तथा वाइस चेयरमैन एमडी सिन्हा भी मौके पर मौजूद रहे. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि गत मेले में 200 करोड़ रूपये का निर्यात हुआ था और सरकार ने हथकरघा उद्योग को जीएसटी से मुक्त रखा है तथा प्रदेश में 1,000 करोड़ रुपय की लागत से विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है. पानीपत से 4000 करोड़ के हैंडलूम का निर्यात किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह मेला बुनकरों व शिल्पकारों को उनके उत्पादों कि बिक्री के लिए एक मंच प्रदान करता है.
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान के रिश्ते गहरे हैं. उज्बेकिस्तान 35वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय क्राफ्ट्स मेले का (Surjkund Mela in Haryana) भागीदार राष्ट्र है, जिससे रिश्ते और प्रगाढ होंगे. इस मेले में विभिन्न 30 देशों के शिल्पकार व कलाकार भाग ले रहे हैं. ऐसे आयोजनों से कला व संस्कृति को बढ़ावा मिलता है. उन्होंने कहा कि इस मेले का थीम राज्य जम्मू-कश्मीर है, जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है. इस राज्य की नक्काशी व कारीगरी विदेशों में प्रसिद्द है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कला व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रहीं हैं. उन्होंने कहा ऐसे अवसरों से “वोकल पर लोकल” को बढ़ावा मिलेगा.
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उद्घाटन समारोह के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 35वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में उज्बेकिस्तान के भागीदार राष्ट्र बनने से हरियाणा व उज्बेकिस्तान का दिल से दिल (H-to-H) का रिश्ता बनेगा. उन्होंने कहा इससे पहले भी उज्बेकिस्तान एक बार भागीदार राष्ट्र रहा है. उन्होंने कहा कि तोमर वंश के शासक आनंदपाल द्वितीय ने सूर्यदेवता कि स्मृति में यह तालाब बनवाया था. सन 1987 में लगाया गया यह क्राफ्ट्स मेला रुपी पौधा आज वटवृक्ष बन गया है, जिसकी शिल्पकारों व कलाकारों को छाया मिल रही है. आजादी का अमृत महोत्सव के तहत किये जा रहे क्राफ्ट्स मेले के आयोजन से लोगों में देशभक्ति कि भावना भी जागृत होगी.