सर्दियों के मौसम में अक्सर ही वायु प्रदूषण बढ़ जाता है जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है और लोगों को शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बच्चे हों, बूढ़े हों या जवान, इस बार सब की सेहत हो रही है खराब. इस बार अगर सर्दी जुकाम हो रहा है तो वह ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहा है. चाहे जितनी दवाई आप करवा ले और सबसे बड़ी बात है कि डॉक्टर भी इस बात से हैरान हैं. फीवर या सर्दी-जुकाम जो महज 3 से 5 दिनों के अंदर ठीक हो जाए करता था. वह लंबे समय तक बना हुआ है. बढ़ते प्रदूषण के चलते लोग लंबे समय तक बीमार पड़ रहे हैं. अस्पताल में पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी करीब 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है. जिनको इस प्रदूषण से सांस लेने में दिक्कत हो रही है और तरह-तरह की बीमारियों का लोग सामना कर रहे हैं.
इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी काफी सतर्क और चिंतित है. स्वास्थ विभाग और जिला गौतम बुध नगर के अधिकारी डॉ चंदन के मुताबिक बढ़ता प्रदूषण और ठंड इस समय 10 साल से कम उम्र के बच्चों और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए काफी घातक साबित हो रहा है. उन्होंने आईएएनस से खास बातचीत करते हुए बताया कि पोलूशन के चलते हैं काफी ज्यादा संख्या में लोग सांस की बीमारी से परेशान हैं और प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवाने पहुंच रहे हैं. उन्होंने इसके लिए तीन कारण साफ तौर पर बताए हैं, उनका कहना है कि जो भी लोग सुबह और शाम काम पर अपने घर से निकल रहे हैं.