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सीलिंग: केजरीवाल-मनोज तिवारी ने एक दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप

रामनवमी के दिन दिल्ली के मायापुरी इलाके में एनजीटी के आदेश पर सीलिंग की कार्रवाई शुरू हुई, व्यापारियों ने विरोध किया, पुलिस पर पथराव किया तो जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. मामले ने तूल पकड़ा तो राजनीतिक दलों ने इसे लपक कर चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की.

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Published : Apr 14, 2019, 5:26 PM IST

Updated : Apr 14, 2019, 6:59 PM IST

मायापुरी में सीलिंग पर बवाल

नई दिल्ली:चुनाव के दौरान राजनीतिक दल और राजनेता अपने विरोधियों को घेरने के लिए मुद्दे की तलाश करते रहते हैं. दिल्ली की 7 लोकसभा सीट के लिए 12 मई को मतदान होगा.

वहीं चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. इस दौरान शनिवार को रामनवमी के दिन दिल्ली के मायापुरी इलाके में एनजीटी के आदेश पर सीलिंग की कार्रवाई शुरू हुई, व्यापारियों ने विरोध किया, पुलिस पर पथराव किया तो जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. मामले ने तूल पकड़ा तो राजनीतिक दलों ने इसे लपक कर चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की.

एनजीटी के आदेश पर दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने सीलिंग की कार्रवाई शुरू की और इसके लिए नोडल एजेंसी दक्षिणी नगर निगम को बनाया. निगम के उपायुक्त को इसका नोडल ऑफिसर बना कर कार्रवाई शुरू करा दिया. जैसे ही मायापुरी में हंगामा शुरू हुआ सबसे पहले दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ही इस पर एतराज जताया.

मायापुरी में सीलिंग पर बवाल

'जलियांवाला बाग कांड की याद दिलाती है'
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली अगर पूर्ण राज्य होती तो वह सीलिंग नहीं होने देते. पुलिस उनके अधीन होती तो यह लाठीचार्ज और पथराव की नौबत ही नहीं आती. चुनाव से पहले यह व्यापारियों पर जो कार्रवाई पुलिस कर रही है यह जलियांवाला बाग कांड की याद दिलाती है. मुख्यमंत्री के इस प्रतिक्रिया के बाद उप मुख्यमंत्री समेत आम आदमी पार्टी के नेता भी राजनीतिक लाभ लेने के लिए जुट गए और भाजपा शासित नगर निगम और दिल्ली पुलिस पर इस पूरी घटना का ठीकरा फोड़ने लगे.

भाजपा ने दिल्ली सरकार को घेरा
भाजपा ने व्यापारियों पर हुई इस कार्रवाई के लिए सीधे दिल्ली सरकार को घेरा. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक लाभ लेने के लिए ऐसी बात कह रही है. चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कारोबारियों के लिए पेंशन देने का ऐलान किया, राष्ट्रीय व्यापारी आयोग बनाने का वादा किया तथा जीएसटी में पंजीकृत कारोबारियों को 10 लाख का दुर्घटना बीमा देने का निर्णय लिया. इससे कारोबारी भाजपा के खेमे में न चले जाएं आम आदमी पार्टी ने सीलिंग का चक्रव्यूह रचा.

मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर लगाया आरोप
मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी बौखला गई है और भाजपा के विरुद्ध व्यापारियों को करने के लिए ही उसने रामनवमी व बैसाखी से पूर्व अचानक बिना किसी नोटिस के मायापुरी में सीलिंग की कार्रवाई शुरू करवा दी. दिल्ली में सीलिंग का सितम काफी पुराना है. सीलिंग की कार्रवाई जब शुरू होती है तो आमतौर पर सत्ता पक्ष को ही बदनामी झेलनी पड़ती है. मगर आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार ने बड़ी चालाकी से जिस तरह पूरा ठीकरा भाजपा शासित नगर निगम व दिल्ली पुलिस पर फोड़, पूरे विवाद से पल्ला झाड़ने का कोशिश की, भाजपा अब यह सफाई दे रही है कि किस तरह कारोबारियों को दिल्ली सरकार गुमराह कर रही है.

दिल्ली सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की
बता दें कि पूरे मामले को देखा जाए तो एनजीटी ने मायापुरी इलाके में चल रहे लगभग 6000 करोड़ रुपये के कबाड़ कारोबार के खिलाफ 5 साल पहले ही कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. दिल्ली सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव को एनजीटी ने अवैध रूप से चला रहे कारोबारियों की दुकान व गोदाम को बंद करने का आदेश दिया था मगर दिल्ली सरकार ने तब कोई कार्रवाई नहीं की.

एनजीटी के अध्यक्ष ने पूछे ये सवाल
वहीं दोबारा जब मामला एनजीटी में आया और पिछले दिनों एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने कहा कि कार्रवाई करने की बात कहे 5 साल हो गए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. न अवैध कारोबार हटाया गया आखिरकार मुख्य सचिव अपने आप को इतना असहाय क्यों महसूस कर रहे हैं? पीठ ने यहां तक कह दिया कि क्यों नहीं इसके लिए दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अध्यक्ष, व सदस्य सचिव के खिलाफ मुकदमा चलाए जाए और उन्हें जेल भेज दिया जाए? एनजीटी के इस कड़े आदेश के बाद अचानक दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले प्रदूषण नियंत्रण समिति ने आनन-फानन में शनिवार से सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी.

भाजपा के नेताओं का आरोप है कि कार्रवाई शुरू करने के लिए एनजीटी ने मोहलत दी थी मगर चुनावी आचार संहिता के बीच इसका कोई औचित्य नहीं था. सिर्फ व्यापारियों को गुमराह करने और उन्हें अपना हितैषी बनाने के लिए आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार ने यह कार्रवाई की और भाजपा शासित नगर निगम को बदनाम करने की कोशिश की.

Last Updated : Apr 14, 2019, 6:59 PM IST

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