नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने फर्जी डिग्री, मार्कशीट और प्रमाण पत्र तैयार करने में शामिल एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में गिरोह के दो सदस्यों दालचंद महरोलिया उर्फ अमर और महावीर कुमार को गिरफ्तार किया है. ये दोनों बुराड़ी इलाके के रहने वाले हैं. पुलिस ने मौके से फर्जी डिग्री, मार्कशीट, सर्टिफिकेट, लैपटॉप, प्रिंटर, मोबाइल, फर्जी स्टांप और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए खाली कागज बरामद किए.
जानकारी के अनुसार, इस मामले में क्राइम ब्रांच थाना में एफआईआर भी दर्ज किया गया. गिरोह ने कोविड महामारी के दौरान इस गोरखधंधे की शुरुआत की थी. तब से 2000 से अधिक जाली डिग्री, मार्क-शीट और प्रमाण पत्र खुले बाजार में 20,000 से 2.20 लाख लेकर बेच चुका है, जिसमे कई फर्जी डिग्री लेने वालों ने भारत और विदेशों में नौकरी भी हासिल की है.
पूछताछ के दौरान आरोपी दाल चंद मेहरोलिया ने खुलासा किया कि वह साल 2020 से इस संस्थान को चला रहा है. वह अपने कार्यालय में कई लड़कियों को टेली-कॉलर के पद पर नियुक्त किया है. वे कॉलेजों में प्रवेश के लिए छात्रों से संपर्क कर इच्छुक छात्रों का डाटा मेहरोलिया को प्रदान करती थी. उसके बाद आरोपी व्हाट्सएप के माध्यम से उन छात्रों से संपर्क करता था और उन्हें आवश्यक दस्तावेजों के बिना डिग्री प्राप्त करने का लालच देता था.
आरोपी 10वीं कक्षा से लेकर पीएचडी तक की डिग्री के लिए रेट तय कर रखा था. पैसे लेने के बाद कूरियर के माध्यम से छात्रों को डिग्री, प्रमाण पत्र भेजा जाता था. उनके द्वारा दस्तावेजों पर फर्जी होलोग्राम भी तैयार किए गए थे. आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने खुले बाजार में 2000 से अधिक फर्जी डिग्री, मार्कशीट बेची हैं. बता दें कि महावीर कुमार 12वीं कक्षा तक पढ़ाई किया है. वह आरोपी दाल चंद मेहरोलिया का करीबी दोस्त है. आसानी से पैसा कमाने के लिए, वह जाली डिग्री, प्रमाण पत्र तैयार करने के व्यवसाय में संलिप्त हो गया था.