नई दिल्ली: बदरपुर इलाके के सुभाष कैंप में एक निजी संस्था ने महिलाओं को महामारी और सेनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही स्लम में रहने वाले महिलाओं को सेनेटरी पैड्स बांटे गए. ये कार्यक्रम द रूद्र सोशल वेलफेयर सोयायटी के जरिए आयोजित किया गया था.
द रूद्र सोशल वेलफेयर सोसायटी की ओर से ये मुहिम 24 जून को शुरू की गई. जिसका नाम रखा गया 'नो मोर साइलेंस'. इस कार्यक्रम में संस्था की संस्थापक कुमारी श्वेता शाही और उनके सहयोगी सुमन सुजाता अंतरा रोहित मौजूद रहे.
महिलाओं को दी जा रही सेनेटरी नैपकिन से जुड़ी जानकारी इस मुहिम के तहत गरीब तबके की महिलाओं जो खासकर स्लम एरिया में रहती हैं, उन्हें संस्था की ओर से महामारी के बारे में जागरूक किया गया. साथ ही उन्हें सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल की भी सलाह दी गई. खास बात ये है कि संस्था की ओर से मुफ्त में सेनेटरी नैपकिन वितरित की जा रही है. संस्था की ओर से कार्यक्रम आयोजित करने वाले वॉलेन्टियर्स का कहना है कि दिल्ली के दूर दराज के इलाकों तक महिलाओं को जागरूक किया जाएगा ताकि वो महामारी में गंदे कपड़े और साफ सफाई न होने की वजह से होने वाली बीमारियों से बच सके.
बताया जाता है कि डब्ल्यूएचओ के 2012 के एक सर्वे के अनुसार भारत में 82 प्रतिशत महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं करती हैं. अगर इस सर्वे की मानें तो यह काफी चिंताजनक स्थिति है इसी को ध्यान में रखते हुए ये संस्था इस मुहिम में लगी हुई है और महिलाओं को जागरूक कर रही है.इस संस्था की मुहिम काबिले तारीफ है क्योंकि जागरूकता और जानकारी की कमी के कारण खासकर गरीब और ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाएं आज भी सेनेटरी पैड जो की बहुत जरूरी है उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रही.
वहीं शहरी इलाकों में रहने वाली महिलाएं महामारी के दौरान कई बीमारियों का शिकार होती हैं, अगर ऐसे ही महिलाओं को जागरूक किया जाएगा तो उन्हें महामारी के दौरान होने वाली बीमारियों से बचाया जा सकता है.