नई दिल्ली :चितरंजन पार्क स्थित प्रसिद्ध काली मंदिर में नवरात्रि की दशमी (Dashahra) के दिन हर साल सिंदूर खेला (sindoor khela) का आयोजन बड़े धूम-धाम से किया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए सिंदूर खेला का कार्यक्रम प्रतीकात्मक ही किया जायेगा.
काली मंदिर में इस साल प्रतीकात्मक होगा 'सिंदूर खेला' दशमी के दिन होने वाले सिंदूर खेला का बंगाली कम्युनिटी (Bangali cummunity in delhi) में बहुत महत्व है. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल होती हैं, जो माता को सिंदूर अर्पित करती हैं और फिर एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं. इसी को सिंदूर उत्सव या सिंदूर खेला कहते हैं. इसका इंतजार महिलाएं पूरे साल करती हैं और फिर नवरात्रों के दशमी के दिन विसर्जन से पहले इस विधि को आयोजित किया जाता है, जिसमें हर्षोल्लास के साथ महिलाएं शामिल होती हैं. इस उत्सव को मां की विदाई के रूप में भी मनाया जाता है क्योंकि इसके बाद ही माता की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. पौराणिक मान्यताएं हैं कि जब मां दुर्गा विदा होकर ससुराल जाती हैं तो सिंदूर से उनकी मांग भरी जाती है. इस दौरान महिलाएं पान के पत्ते से सिंदूर लगाती हैं.
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दिल्ली के सीआर पार्क में बड़ी संख्या में बंगाली कम्युनिटी के लोग रहते हैं, जिनके द्वारा नवरात्र उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना की वजह से इस आयोजन को सीमित रखा गया है. वहीं काली मंदिर में नवरात्रों का आयोजन हुआ है, पंडाल बनाए गए हैं और माता की प्रतिमा लगाई गई है, जहां पर मां की विधिवत पूजा हो रही है. हालांकि आयोजन को सीमित रखा गया है. पूजा में भक्तों को शामिल नहीं किया जा रहा है. भक्त ऑनलाइन पूजा के दर्शन कर रहे हैं. हालांकि भक्तों को मंदिर जाने की अनुमति है. भक्त यहां आकर माता के दर्शन कोविड प्रोटोकॉल के तहत कर रहे हैं.
चितरंजन पार्क में स्थित काली मंदिर काली मंदिर के सचिव प्रदीप गांगुली ने बताया कि सिंदूर खेला का आयोजन प्रतीकात्मक तौर पर किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान कोविड-19 पोटोकॉल का पालन किया जा रहा है और पूजा का ऑनलाइन दर्शन भक्तों को कराया जा रहा है. साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी ऑनलाइन हो रहा है और ऑनलाइन बड़ी संख्या में भक्त पूजा में शामिल हो रहे हैं.
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कोरोना महामारी की वजह से पिछले 2 वर्षों से लगातार पाबंदिया देखी जा रही हैं. इसी की वजह से दिल्ली के सीआर पार्क में होने वाले नवरात्रों के आयोजन पर भी पाबंदी लगाई गई है. जहां बीते साल सीआर पार्क में नवरात्रों का आयोजन नहीं हो पाया था, वहीं इस वर्ष भी सिर्फ काली मंदिर पर ही माता के प्रतिमा और पंडाल लगाए गए हैं, जहां भक्तों के दर्शन करने की अनुमति दी गई है.