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जीटीबी में हालात बदतर, बेड नहीं होने की वजह से इमरजेंसी गेट को बंद करना पड़ा

गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में बेड्स और अन्य जरूरत का सामान नहीं होने की वजह से इमरजेंसी सर्विस का गेट शनिवार को मरीजों के लिए बंद कर दिया गया था, जबकि जीटीबी अस्पताल पूरी तरह से कोविड है और यहां जनरल मरीज नहीं देखे जा रहे हैं.

emergency gate closed due to beds in gtb hospital
जीटीबी में हालात बदतर, बेड नहीं होने की वजह से इमरजेंसी गेट को बंद करना पड़ा

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Published : Apr 25, 2021, 1:53 PM IST

नई दिल्लीः उत्तर पूर्वी दिल्ली के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भी दिल्ली के दूसरे अस्पतालों की तरह हालात बेकाबू हो गए हैं. कहने के लिए यहां 1500 बेड की व्यवस्था है, जिसे शनिवार को घटाकर 700 कर दिया गया. ताजा स्थिति ऐसी बन गई थी कि अस्पताल को इमरजेंसी सर्विस गेट को भी बंद कर देना पड़ा और मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया गया. इस दौरान इमरजेंसी डिपार्टमेंट के बाहर मौजूद मरीजों को इलाज के लिए अंदर नहीं लिया गया.

जीटीबी में हालात बदतर

अस्पताल से जुड़े सूत्र की माने पिछले कुछ दिनों से यहां के हालात काफी बिगड़े हुए हैं. हालांकि प्रशासन सब कुछ ठीक-ठाक दिखाने की कोशिश कर रहा है. वहीं अस्पताल के बिगड़ते हालात को देखते हुए मरीजों के तीमारदार भी चिंतित दिखे. इस दौरान एक परिजन ने कहा कि ऑक्सीजन नहीं होने का हवाला देकर उनके मरीज को शुक्रवार देर शाम से भर्ती नहीं किया गया. आखिरकार मरीज ने अस्पताल के गेट पर ही दम तोड़ दिया.

अस्पताल प्रशासन पर लगाया आरोप

परिजन ने बताया कि मौत के बाद प्रशासन ने मरीज को अंदर ले लिया, जबकि तीमारदार उनको देखने के लिए तरसते रहे. सुबह में उन्हें पता लगा कि उनके मरीज की मौत हो गई है. परिजनों का आरोप है कि उनके बार-बार मिन्नतें करने के बाद भी समय पर मरीज को भर्ती नहीं किया गया, जिसकी वजह से उसकी बाहर ही मौत हो गई थी.

बता दें कि गुरु तेग बहादुर अस्पताल यमुनापार में दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा कोविड हॉस्पिटल है, जिसकी क्षमता 1500 बेड की है, लेकिन शनिवार को ऑक्सीजन की भारी किल्लत को देखते हुए इसकी क्षमता 700 बेड कर दी गई.

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