नई दिल्ली: मुखर्जीनगर कांड की पूरी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को सौंप दी गई है. ये रिपोर्ट संयुक्त आयुक्त ने सौंपी है. इस रिपोर्ट में उन्होंने पूरी घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया है. रिपोर्ट में एक तरफ जहां सरबजीत के किए हंगामे और हमले का जिक्र है तो दूसरी तरफ पुलिस की लापरवाही और मारपीट का भी खुलासा किया गया है.
रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक थाने के बाहर ग्रामीण सेवा से पुलिस की गाड़ी टच हो जाने को लेकर एएसआई संजय मलिक से चालक सरबजीत सिंह की कहासुनी हो गई थी. इस कहासुनी में सरबजीत सिंह ने अपनी कृपाण (तलवार) निकालकर ASI को धमकाया. इस पर एएसआई ने थाने से पुलिसकर्मियों को बुला लिया.
बाहर आकर इन पुलिसकर्मियों ने जब सरबजीत सिंह को पकड़ने की कोशिश की, तो उसने तलवार निकाल ली. पीछे से जाकर एएसआई योगराज ने उसे काबू करने की कोशिश की तो उसने योगराज के सिर पर तलवार मार दी. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सरबजीत सिंह और उसके नाबालिग बेटे को सड़क पर पीटा.
रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों की लापरवाही का जिक्र भी
इस रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही का विस्तार से जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि हालात संभालने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम रही. सरबजीत सिंह को पीटने वाले 11 में से आठ पुलिस के जवान बटालियन से आये थे. उन्हें भर्ती हुए महज तीन महीने हुए हैं. ऐसे में उन्होंने वही किया जो एएसआई ने उन्हें कहा.