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'PM की भतीजी का पर्स 24 घंटे में ढूंढ लिया, मेरे बेटे का 3 साल से पता नहीं'

जेएनयू से लापता छात्र नजीब की मां ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि एक चोरी हुआ पर्स 24 घंटे के अंदर ढूंढ लिया गया और उनके बेटे को गए 3 साल हो गए और उसका कोई सुराग नहीं लगा है.

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Published : Oct 15, 2019, 12:02 PM IST

Updated : Oct 15, 2019, 4:06 PM IST

नजीब की मां ने दिल्ली पुलिस पर उठाए सवाल

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नजीब अहमद को लापता हुए 3 साल हो गए लेकिन अभी तक सुरक्षा जांच एजेंसियों को उसका कोई सुराग नहीं मिला है. वहीं पल-पल अपने बेटे की वापसी की उम्मीद में जी रही नजीब की मां फातिमा नफीसा का गुस्सा तब फूट पड़ा जब एक चोरी हुआ पर्स 24 घंटे के अंदर ढूंढ लिया गया और उनके बेटे को गए 3 साल हो गए और उसका कोई सुराग नहीं लगा है.

नजीब की मां ने दिल्ली पुलिस पर उठाए सवाल

उन्होंने सुरक्षा एजेंसी पर प्रशासनिक दबाव का आरोप लगाया. साथ ही पुलिस पर भी उन्हें गुमराह करने के संगीन आरोप लगाए अब इस मां को सिर्फ भारत की न्याय व्यवस्था पर भरोसा है और उन्हें उम्मीद है कि अब कोर्ट ही उनके साथ न्याय करेगा.

'3 साल बाद भी बेटे का सुराग नहीं'
नजीब की मां ने कहा कि बेटे नजीब को गए तीन साल हो गए फिर भी कोई सुराग नहीं मिला है. लंबे इंतजार के बाद भी नजीब अहमद के ना मिलने से आखिरकार उनकी मां फातिमा नफीस का गुस्सा फूट पड़ा. प्रशासन और पुलिस पर नाकामी का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस ने पूरी मुश्तैदी के साथ नजीब की तलाश की होती तो शायद वो आज सबके साथ होता.

वहीं फातिमा ने जांच एजेंसियों पर प्रशासनिक दबाव का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां भी हुकूमत के डर से सही से जांच पड़ताल नहीं कर पा रही. यही वजह है कि नजीब आज भी उनकी आंखों से दूर है. साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस ने कई दफा उन्हें गुमराह करने की कोशिश की. यहां तक की एफआईआर के समय उन अपराधियों के नाम तक नहीं लिखवाने दिए जिन पर उन्हें शक था.

प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं फातिमा ने प्रधानमंत्री मोदी की भतीजी के चोरी हुए पर्स के वापस मिलने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पर्स जैसी बेजान चीज खोजने के लिए प्रशासन 700 पुलिसकर्मी तैनात कर देता है और सभी सीसीटीवी कैमरे खंगाल कर 24 घंटे के अंदर अंदर मुजरिम को पकड़ लिया जाता है.

जबकि एक जीता जागता इंसान 3 साल से लापता है और उसकी अभी तक कोई सुध नहीं ली जाती. उन्होंने कहा कि क्या ये भेदभाव सिर्फ इसलिए कि वह पर्स प्रधानमंत्री की भतीजी का था और नजीब एक गरीब मां का बेटा है.

उन्होंने यहां तक कह दिया कि 700 की जगह अगर 7 सिपाही भी मुस्तैदी से तैनात किए जाते जो ईमानदारी से अपना काम करते तो नजीब कब का अपने घर वापस आ गया होता. साथ ही उन्होंने लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराने पर वकील द्वारा स्टे आर्डर लाए जाने को लेकर भी सवाल उठाया है और कहा है कि जरूर इस केस में कुछ ऐसा है जिसे छुपाने की भरसक कोशिश की जा रही है.

पीएम मोदी से लगाई गुहार
साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से भी गुहार लगाई है कि वो इस मां का दर्द सुने और उनके बेटे को ढूंढने की एक और ईमानदार कोशिश करें. उन्होंने कहा कि इस तरह सड़कों पर बैठना और प्रदर्शन करना किसी को अच्छा नहीं लगता. प्रशासन और सरकार उनका बेटा उन्हें लौटा दे और वह शांति से अपने घर बैठना पसंद करेंगी.

बता दें कि आज से लगभग 3 साल पहले 14 अक्टूबर 2016 की रात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला छात्र नजीब अहमद लापता हो गया था, जिसके बाद से कई सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लगातार उसकी तलाश जारी थी लेकिन आज तक उसका कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है.

Last Updated : Oct 15, 2019, 4:06 PM IST

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