नई दिल्ली:अपनी नौकरी स्थायी करने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से सड़क पर उतरे गेस्ट टीचरों के रवैये से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी खासे परेशान हैं. उनका कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि प्रदर्शनकारी गेस्ट टीचर क्यों परेशान हैं. उनके हाय-हाय के नारे क्यों लगा रहे हैं.
केजरीवाल सरकार से मांग करने की बजाय BJP ऑफिस के बाहर बैठे हैं: मनोज तिवारी पार्टी के एक कार्यक्रम में मनोज तिवारी ने अपना दुखड़ा रोते हुए कहा कि उन्हें समझ में नहीं आता वो भाजपा कार्यालय के बाहर क्यों धरने पर बैठे हैं. मनोज तिवारी ने कहा कि 4 साल से दिल्ली सरकार में आम आदमी पार्टी के नुमाइंदे बैठे हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वह सरकार से अपनी मांगे मांगने की बजाय भाजपा कार्यालय के बाहर क्यों बैठे हैं? जब वह शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे तब भाजपा की ओर से जाकर मैंने उन्हें उनकी मांगों का समर्थन किया था. फिर भी समझ में नहीं आ रहा है ऐसा क्या कर रहे हैं?
लिखित आश्वासन देने को तैयार मनोज तिवारी
मनोज तिवारी बोले अगर वे उनसे कुछ लिखित आश्वासन चाहते हैं तो वह देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने मंच पर बैठे ही अपने पार्टी के मीडिया प्रमुख से कहा कि सभी गेस्ट टीचरों को लिखकर दे दिया जाए कि मनोज तिवारी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चाहते हैं कि सभी गेस्ट टीचरों को 60 साल की आयु तक सेवा में रखा जाए. उन्होंने यह पत्र गेस्ट टीचरों के प्रतिनिधि के साथ-साथ दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल को भी देने की बात कही.
बता दें कि पिछले दिनों गेस्ट टीचरों के प्रदर्शन और अपने निवास के बाहर लगातार धरना देने से शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रस्ताव तैयार किया, जिसमें हरियाणा सरकार की तर्ज पर सभी अस्थाई गेस्ट टीचरों को 60 साल की आयु तक सेवा जारी रखने की बात कही. इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दे दी. उसे उपराज्यपाल के पास भेज दिया. उपराज्यपाल द्वारा आगे कोई कार्रवाई नहीं करने से वहां भी कुछ दिन तक गेस्ट टीचर धरने पर बैठे थे. शिक्षा मंत्री का कहना था कि सरकार ने तो उनकी मांगें मान ली. लेकिन अब उपराज्यपाल भी उनकी मांगों को मान ले. ऐसा नहीं होने के चलते ही सभी गेस्ट टीचर भाजपा कार्यालय के बाहर पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों को मिलाकर तकरीबन 17000 गेस्ट टीचर अपनी सेवा दे रहे थे. 28 फरवरी को उनकी समय सीमा पूरी होने पर कोर्ट के आदेश के बाद उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है. जिसके कारण लोगों में काफी रोष है और वह जगह-जगह धरना प्रदर्शन कर अपनी नौकरी बहाल करने की मांग कर रहे हैं.