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सरकारी स्कूलों में ठहरे प्रवासी मजदूरों के लिए लग रही है हैप्पीनेस और योगा क्लास - migrant laborers

पलायन कर रहे मजदूरों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ठहराया गया है. इन प्रवासी मजदूर परिवारों को कोई मानसिक तनाव ना हो, इसे लेकर सरकार सभी जरूरी चीजें मुहैया करा रही है. वहीं उन्हें हैप्पीनेस और योगा क्लास भी दे रहे हैं.

Happiness and yoga class ogranised for migrant laborers staying in govt schools delhi
मजदूरों के लिए लग रही है हैप्पीनेस और योगा क्लास

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Published : Apr 26, 2020, 12:25 PM IST

नई दिल्ली: इन दिनों पूरा देश कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहा है. संक्रमण का खतरा कम हो सके इसे लेकर देश में लॉकडाउन है. वहीं पलायन कर रहे मजदूरों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ठहराया गया है. इन प्रवासी मजदूर परिवारों को कोई मानसिक तनाव ना हो, साथ ही इनका रोजमर्रा का जीवन भी सुचारू रूप से चल सके. इसे लेकर सरकार सभी जरूरी चीजें मुहैया करा रही है. वहीं सरकारी स्कूल के शिक्षक भोजन वितरण के साथ-साथ उन्हें हैप्पीनेस और योगा क्लास भी दे रहे हैं.

मजदूरों के लिए लग रही है हैप्पीनेस और योगा क्लास

सरकार भोजन सहित दैनिक इस्तेमाल की सभी चीजें करा रही है मुहैया

बता दें कि इन दिनों दिल्ली के गांव तक सरकारी स्कूलों में पलायन कर रहे मजदूरों को एहतियात के तौर पर ठहराया गया है, जहां उनका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. वहीं इसको लेकर गवर्नमेंट को - एड सीनियर सेकेंडरी स्कूल जंगपुरा के प्रिंसिपल हरीश ने बताया कि सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने तक मजदूरों को स्वयं अपनी निगरानी में वितरित करते हैं. साथ ही रोजमर्रा की चीजें जैसे तेल, साबुन, कोलगेट आदि भी सभी को मुहैया कराया जा रहा है.

योगा क्लास

तनाव कम करने के लिए दी जा रही है हैप्पीनेस और योगा क्लास

वहीं उन्होंने बताया कि घर ना पहुंच पाने के कारण यह सभी मजदूर वर्ग मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं. इनके तनाव को कम करने के लिए कई मनोरंजन के साधन अपनाए जा रहे हैं. इन्हें योग कराया जा रहा है साथ ही हैप्पीनेस क्लास भी लग रही है. इसके अलावा रोज शाम को कोई ना कोई फिल्म भी दिखाई जा रही है जिससे इनका मनोरंजन हो सके और मानसिक तनाव कम हो सके.

गवर्नमेंट को - एड सीनियर सेकेंडरी स्कूल जंगपुरा के प्रिंसिपल हरीश

'हैप्पीनेस क्लास के कारण बेहतर महसूस करते हैं'

वहीं हरीश ने कहा कि हैप्पीनेस क्लास की माइंडफूलनेस की प्रक्रिया जब कराई गई थी तो सभी उस पर हंस रहे थे और उनका कहना था कि बच्चों के लिए बने इस पाठ्यक्रम को हमें क्यों कराया जा रहा है. थोड़ा समय लगा लेकिन एक दूसरे को देखते हुए उन्होंने धीरे-धीरे यह प्रक्रिया शुरू कर दी और अब माइंडफुलनेस करने के बाद खुद में अंतर महसूस कर रहे हैं. अब माइंडफूलनेस पर हंसने के बजाय वह हैप्पीनेस क्लास लेना पसंद करने लगे हैं और बेहतर महसूस करने लगे हैं.

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