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ये है दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष को हिरासत में लेने की वजह, मोबाइल भी हुआ जब्त

जानकारी मिली है कि चौधरी अपने मोबाइल फोन से सोशल मीडिया पर सक्रिय थे और वहां ट्वीट कर और वीडियो संदेश के जरिये लगातार एक्टिव थे. इसे देखते हुए उनका कम्युनिकेशन खत्म करने के लिए पुलिस ने उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया है.

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष घर में नजरबंद

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Published : May 17, 2020, 2:58 PM IST

नई दिल्ली: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार जैसे ही सुबह आने बिस्तर से उठकर बाहर कदम बढ़ाया. वहां पहले से मौजूद अशोक नगर थाने के एसएचओ ने उनके पास आकर कहा कि आप बाहर नहीं जा सकते हैं. आपको नजरबंद किया गया है. अचानक सुबह सबेरे ही पुलिस को अपने घर पर देख चौधरी चौंक गये. उन्हें तुरंत ऐसी कोई वजह समझ में नहीं आयी कि उन्हें आखिर सुबह-सुबह ही डिटेन क्यों किया गया है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष घर में नजरबंद

कांग्रेस अध्यक्ष से गाजीपुर बॉर्डर जाने को लेकर सवाल

रविवार सुबह में अशोक नगर थाने के एसएचओ ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार को उनके घर में ही उन्हें नजरबंद कर दिया है. उन्हें नजरबंद करने वाले एसएचओ भी उन्हें कुछ नहीं बताया कि उन्हें आखिर किस अपराध के लिये नजरबंद किया है. लेकिन चौधरी से एक सवाल जरूर किया गया, जिससे उन्हें पता चल गया कि शायद उन्हें प्रवासी मजदूरों से गाजीपुर जाकर मिलने के लिये नजरबंद किया गया है. उनसे एसएचओ ने पूछा कि क्या वो कल गजीपुर बॉर्डर पर थे?

चौधरी के मुताबिक दरअसल वो उन प्रवासी मजदूरों के लिए मदद देने गये थे. जो लॉकडाउन बढ़ जाने की वजह से अपना रोजी-रोजगार खोकर यूपी-बिहार अपने-अपने घर जाने के लिए निकले थे, लेकिन उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर रोक लिया गया था.



फोन की एक्टिविटी देख मोबाइल किया जब्त


ऐसी जानकारी मिली है कि चौधरी अपने मोबाइल फोन से सोशल मीडिया पर सक्रिय थे और वहां ट्वीट कर और वीडियो संदेश के जरिये लगातार एक्टिव थे. इसे देखते हुए उनका कम्युनिकेशन खत्म करने के लिए उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया है. उनके फोन लगातार स्विच ऑफ आ रहे हैं.




'करने गए थे जरूरतमंदों की मदद'

चौधरी का कहना है कि केंद्र सरकार और यूपी की सरकार श्रमिकों के साथ अच्छा नहीं कर रही है. अगर श्रमिकों की कांग्रेस की रसोई और 'आओ मदद का हाथ बढ़ाये' स्कीम के तहत श्रमिकों की हम मदद कर रहे हैं, तो हमें भी ना सिर्फ रोका जा रहा है, बल्कि नजरबंद भी किया जा रहा है. हम पूछना चाहते हैं कि श्रमिकों की मदद कर क्या हमने कोई गुनाह कर दिया है. अगर उनकी नजर में ये एक गुनाह है, तो मैं ऐसे गुनाह और करने को तैयार हैं.


चौधरी ने कहा कि सरकार मदद करने की बजाय मदद करने वाले को इस तरह से डिटेन कर रही है तो जनता उनको माफ करने वाली नहीं है.

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