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Published : Nov 12, 2020, 8:16 PM IST

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अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को जारी किया नोटिस

अवैध आनलाइन पैथोलॉजी लैब्स के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश का पालन नहीं करने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया गया है. इसके लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया है.

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दिल्ली सरकार हाईकोर्ट नोटिस

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव और आईसीएमआर के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब्स पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं करने पर यह नोटिस जारी किया गया है. जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच ने 29 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को जारी किया नोटिस

'हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया'

याचिका जयपुर के एक पैथोलॉजिस्ट रोहित जैन ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील शशांक सुधी देव ने कहा कि पिछले 6 अगस्त को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और आईसीएमआर को निर्देश दिया है कि ऐसी ऑनलाइन लैब्स के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया.

'ऑनलाइन पैथोलॉजिकल लैब्स बिना अनुमति के चल रहे'

अगस्त में भी रोहित जैन ने ही याचिका दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब्स की ओर से लोगों के खून का सैंपल लेना लोगों की जान को खतरा में डाल सकता है. क्योंकि इन लैब्स की कोई प्रामाणिकता नहीं है. याचिका में कहा गया था कि ये ऑनलाइन पैथोलॉजिकल लैब्स बिना किसी अनुमति के चल रहे हैं.

याचिका में कहा गया था कि ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब क्लीनिकल एस्टैबलिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्टर्ड नहीं किए गए हैं. इसलिए मरीजों का सैंपल लेने के लिए वे मेडिको लीगल रूप से उतरदायी नहीं हैं. याचिका में ऑनलाइन एग्रीगेटर के जरिए चलने वाले पैथोलॉजी लैब्स को बंद करने की मांग की गई थी.

'आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन'

ऑनलाइन पैथोलॉजी सर्विस के जरिए लोग अपनी सुविधा के मुताबिक सैंपल देने के लिए बुकिंग करवाते हैं. याचिका में कहा गया था कि इन लैब्स के संचालकों के क्वालिफिकेशन का वेरिफिकेशन भी नहीं किया गया है. ये आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए कोरोना का अनाधिकृत रूप से टेस्ट कर रहे हैं. ऐसा करना संविधान की धारा 21 के तहत जीने के अधिकार का उल्लंघन है.

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