नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दबाव के बाद डीडीए ने शुक्रवार को तुगलकाबाद क्षेत्र में रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए जमीन आवंटित कर दी है और जमीन का भू-उपयोग यानी लैंड यूज़ भी बदल दिया है.
अरविंद केजरीवाल ने दलित समुदाय की गरिमा और सम्मान को बरकरार रखा- सोमनाथ भारती धार्मिक विश्वास का है सवाल आम आदमी पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सोमनाथ भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने कहा था कि उसी जगह पर दोबारा शीघ्र मंदिर का निर्माण होना चाहिए क्योंकि यह धार्मिक विश्वास का सवाल है. दिल्ली विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया गया और प्रस्ताव पास किया. क्योंकि यह दलित समुदाय की गरिमा और सम्मान का सवाल था. भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण में अब कोई कानूनी अड़चन नहीं बची है.
जमकर हुआ था बवाल
सोमनाथ भारती ने कहा कि 10 अगस्त 2019 को उस मंदिर को गिरा दिया गया था भाजपा के अधीन आने वाले डीडीए के को प्रबंधन के कारण प्राचीन मंदिर के संवेदनशील मुद्दे को ठीक से नहीं संभाला गया 10 अगस्त 2019 को डीडीए ने ऐतिहासिक मंदिर को ढहा दिया. उससे पूरे देश में हाहाकार मच गया. खासकर उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत सभी जगह खूब बवाल मचा क्योंकि संत गुरु रविदास को मानने वाले और उनके अनुयाई बहुत बड़ी संख्या में है. लेकिन इन सब को दरकिनार कर उस वक्त की केंद्र की भाजपा सरकार ने मंदिर को गिरा दिया था.
खुशी का है दिन
13 अगस्त 2019 को दिल्ली विकास प्राधिकरण की बैठक हुई थी उसमें बकायदा मैंने यह एजेंडा उठाया था कि डीडीए को बिना किसी देरी के गुरु रविदास कमेटी को भूमि वापस देने पर विचार करना चाहिए. डीडीए की आज शुक्रवार को अथॉरिटी मीटिंग थी. डीडीए ने बैठक में दोनों मुद्दे पास कर दिए. पहला एजेंडा 400 वर्ग मीटर का क्षेत्र था, जहांपनाह सिटी फॉरेस्ट के अंदर जहां 400 वर्ग मीटर एरिया आज समिति को सौंप दिया गया है, जो संत गुरु रविदास के भव्य मंदिर की तैयारी कर रहा है. दूसरा एजेंडा था जहांपनाह जंगल में 400 वर्ग मीटर भूमि के भू उपयोग बदला जाए. यह प्रस्ताव भी आज पास हो गया है. उसके बाद दूसरे एजेंडे में डीडीए ने कहा है कि आदेशों के मुताबिक गुरु रविदास मंदिर के निर्माण के लिए 400 वर्ग मीटर भूमि का आवंटन कमेटी को किया जाए.