नई दिल्ली/गाजियाबाद:हिंदू धर्म में जेष्ठ मास को बेहद पवित्र महीना माना गया है. इस मास में पड़ने वाले मंगलवार का विशेष महत्व होता है. ज्येष्ठ महीने में पढ़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहते हैं, जिसे कई जगहों पर बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है. इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करना बेहद फलदाई माना गया है.
द्वापर युग में पांडव अपनी पत्नी द्रौपदी के साथ 12 वर्ष के वनवास के दौरान वेष बदलकर रह रहे थे. एक दिन द्रौपदी के पास एक फूल आ गिरा, जिसकी सुगंध उनकी बहुत पसंद आई. इसपर उन्होंने भीम से वह फूल लानो को कहा. भीम भी द्रौपदी की इच्छा का मान रख फूल लेने चल पड़े. इसको खोजते खोजते वे एक वन के द्वार पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने वहां प्रवेश करने से पहले द्वार पर एक वानर को लेटे हुए पाया.
तब भीम ने वानर से कहा कि वे उनके मार्ग से हट जाएं, जिसपर वानर ने कहा कि वह हटने की स्थिति में नहीं हैं. इसलिए वह उन्हें लांघकर चले जाएं. इसके बाद भीम ने उन्हें अपना परिचय दिया लेकिन तब भी वे वहां से नहीं हटे. इसपर भीम को क्रोध आ गया और उन्होंने वानर की पूंछ हटाने की कोशिश की, लेकिन वे पूंछ को हिला भी नहीं पाए. तब भीम समझ गए की वह कोई साधारण वानर नहीं है और उनसे उनका परिचय पूछा. तब भगवान हनुमान ने उन्हें अपना असली रूप दिखाया. उस दिन ज्येष्ठ मास का मंगलवार था, इसलिए इसे बड़ा मंगल कहते हैं.