नई दिल्ली/नोएडाः एनटीपीसी के खिलाफ आंदोलन के दौरान जेल भेजे गए किसान नेता सुखबीर खलीफा जेल से रिहाई के बाद आंदोलन स्थल पर पहुंचे और उन्होंने साफ कहा कि जल्दी एनटीपीसी पर दोबारा तगादा करने जाएंगे. अगर मांगें नहीं मानी गई तो एनटीपीसी के गेट पर एक बार फिर बड़ा आंदोलन किया जाएगा. अपनी मांगों को लेकर किसान अभी भी अड़े हुए हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी किसानों का आंदोलन चलता रहेगा.
भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा सहित 12 किसानों को जेल से रिहा कर दिया गया है. इन किसानों को एनटीपीसी के खिलाफ धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था. जिसके बाद कई राजनीतिक पार्टियों और किसान संगठनों ने उनकी रिहाई की मांग की थी और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा था.
जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी आंदोलन जारी रहेगाः सुखवीर खलीफा
जेल से निकलने के बाद किसान नेता सुखबीर खलीफा ने एक बार फिर किसानों के हित में अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है. उन्होंने सोमवार को ऐलान किया कि अगर जल्दी किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो दोबारा आंदोलन शुरू किया जाएगा.
जेल से रिहाई के बाद सुखबीर खलीफा ने किसान संगठनों और राजनीतिक पार्टियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी प्रशासन और पुलिस ने जेल भेज कर यह सोचा होगा कि आंदोलन खत्म हो जाएगा, लेकिन यह उनकी भूल है. आंदोलन नई ऊर्जा के साथ लगातार चलता रहेगा. किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, जो पीछे नहीं हटेंगे.
दरअसल, एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांवों के किसान अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. उसी के दौरान एनटीपीसी पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 12 किसानों को जेल भेज दिया था. उसके बाद भी किसानों ने रसूलपुर गांव में आंदोलन जारी रखा. अब जेल से किसानों की रिहाई भी हो चुकी है. सभी का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा. आंदोलन लगातार जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि किसानों का यह आंदोलन उनकी मांगों के लिए है. कानून को हाथ में लिए बिना ही इस आंदोलन को अब और हवा दी जाएगी. इसके लिए हर गांव और सेक्टरों में सहयोग के लिए जाना पड़ा तो जाएंगे, मगर किसानों को न्याय दिला कर ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी. एनटीपीसी ने किसानों के साथ जो करार किया था, जो आश्वासन दिया था उसे पूरा नहीं कर रही है.
आंदोलन के दौरान ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी और यदि एनटीपीसी या प्रशासन ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो आंदोलन पहले की तरह एनटीपीसी के गेट पर दोबारा किया जाएगा. उनका कहना है कि किसानों को उनका अधिकार जरूर मिलेगा, चाहे इसके लिए आंदोलन कितना ही बड़ा क्यों ना चलाना पड़े.