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International Yoga Day 2023: 'हर आंगन योग' बैनर तले कार्यक्रम, NDRF के जवानों ने किया योगाभ्यास

एनडीआरएफ के जवानों ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग सप्ताह के अंतर्गत योग किया. इस दौरान जवानों ने योग के अलग-अलग आसनों, मुद्राओं और प्राणायाम का अभ्यास किया.

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Published : Jun 17, 2023, 6:08 PM IST

"हर आंगन योग" बैनर तले कार्यक्रम
"हर आंगन योग" बैनर तले कार्यक्रम

"हर आंगन योग" बैनर तले कार्यक्रम

नई दिल्ली/गाजियाबाद:गाजियाबाद के कमला नेहरु नगर स्थित एनडीआरएफ बटालियन में 9वें अंतरराष्ट्रीय योग सप्ताह के अंतर्गत "हर आंगन योग" की थीम पर कार्यक्रम का आयोजन गया. योग कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एनडीआरएफ के रेस्क्यूर्स और गाजियाबाद आयुष विभाग के कर्मचारी शामिल हुए. सभी ने एक साथ एनडीआरएफ कैंपस में योग का अभ्यास किया.

कार्यक्रम के दौरान क्रियात्मक योगाभ्यासों के क्रम में प्रोटोकाल के तहत खड़े, बैठकर और लेटकर किए जाने वाले आसनों के साथ कमर, गर्दन और कंधों से संबंधित व्यायामों के साथ कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायामों के साथ ध्यान का अभ्यास योगाचार्य यश पराशर के नेतृत्व में किया गया.

अलग-अलग आसनों, मुद्राओं और प्राणायाम का अभ्यास

"हर आंगन योग" बैनर के तले कार्यक्रम:योग कार्यक्रम का आयोजन 58 मिनट के प्रोटोकॉल के साथ किया गया. इसमें राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. एनडीआरएफ डीआईजी गंभीर सिंह चौहान, कमांडेंट एनडीआरएफ प्रवीण कुमार तिवारी, विवेक श्रीवास्तव अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) गाजियाबाद, अशोक कुमार राणा क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, पी एन दीक्षित प्रोजेक्ट डायरेक्टर गाजियाबाद और लगभग 300 एनडीआरएफ रेस्क्यूर्स के साथ गाज़ियाबाद आयुष विभाग के कर्मचारियों ने "हर आंगन योग" बैनर के तले योग किया.

अंतरराष्ट्रीय योग सप्ताह के अंतर्गत योगा

योग दुनिया का सबसे प्राचीन विज्ञान:भगवान शिव को योग का सबसे पहला गुरु माना जाता है, इसलिए उन्हें आदियोगी भी कहते हैं. वहीं महर्षि पतंजलि को योग का जनक कहा जाता है. वहीं अगर दूसरी ओर विश्व मंच पर योग की बात की जाए तो पीएम मोदी ने विश्व भर में योगा को विख्यात करने में अहम भूमिका निभाई है. योग को दुनिया का सबसे प्राचीन विज्ञान माना गया है.

NDRF के जवानों ने किया योगाभ्यास

शरीर के साथ मन को स्वस्थ रखता है योग:माना जाता है कि महर्षि पतंजलि ने 200 ईसा पूर्व योगसूत्र की रचना की थी. हिंदू धर्म में योग को ईश्वर से जुड़ने का माध्यम माना गया है. महावीर और बुद्ध के काल में भी योग का अहम स्थान रहा है. हालांकि योग किसी खास धर्म या आस्था का विषय नहीं है. आम तौर पर लोग योग को शारीरिक फिटनेस के लिए अपनाते हैं. योग के जरिए मन और शरीर के बीच तालमेल स्थापित किया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय योग सप्ताह के अंतर्गत योगा

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21 जून को क्यों मनाते हैं योग दिवस:बता दें कि27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी ने योग दिवस को लेकर प्रस्ताव रखा था. यूएन के 193 सदस्य देशों में 177 ने प्रस्ताव का समर्थन किया और 11 दिसंबर 2014 को इसे मंजूर कर लिया गया. 21 जून 2015 को पहला विश्व योग दिवस मनाया गया. 21 जून धरती के उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है. इस दिन सूर्य दक्षिणायन हो जाता है. मान्यता है कि इस अवस्था में योग करने से जल्दी लाभ मिलना शुरू होता है.

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